अहमदाबदा | गुजरात भाजपा के नेता जयराजसिंह परमार ने कांग्रेस के अपने पुराने साथियों पर प्रहार करते हुए कहा कि मोदी की आंधी के आगे कांग्रेस का जीतना तो दूर उनके सामने टिकना मुश्किल लग रहा है| बता दें कि जयराजसिंह परमार कभी कांग्रेस के दिग्गज नेता माने जाते थे, लेकिन विधानसभा चुनाव से पहले ही वह भाजपा में शामिल हो गए थे| जयराजसिंह परमार ने एक लंबी पोस्ट लिखी है, जिसमें वह चुनाव मैदान से भाग रहे अपने पुराने कांग्रेसी साथियों के जख्मों पर नमक छिड़क रहे हैं| खासकर गुजरात कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष भरतसिंह सोलंकी और जगदीश ठाकोर के चुनाव लड़ने से इंकार करने पर कहा कि कांग्रेस की मलाई चाटने वाले अब धूल फांकने के लिए दूसरे को आगे कर रहे हैं| भरतसिंह सोलंकी और जगदीश ठाकोर कांग्रेस के दिग्गज नेता हैं, जिसमें भरतसिंह जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस प्रभारी हैं| भरतसिंह जानते हैं कि मोदी सरकार की आंधी में हार का सामना कर बदनाम होने के बजाए चुनाव लड़ने से ही इंकार कर दिया जाए| उन्होंने कहा कि भाजपा में दिग्गज नेताओं को टिकट नहीं मिल रहा और कांग्रेस के बड़े नेता सामने से चुनाव लड़ने से इंकार कर रहे हैं| गुजरात में चर्चा है कि कांग्रेस के बड़े नेता साइडलाइन रहेंगे और छोटे नेताओं को बलि का बकरा बनाया जाएगा| जयराजसिंह ने अपनी पोस्ट में लिखा कि जन नेता नरेन्द्र मोदी की आंधी के सामने कांग्रेस का जीतना तो दूर टिकना मुश्किल हो गया है| भाजपा की सुनामी के सामने टिकना मुश्किल देख विधानसभा या लोकसभा ही नहीं गांव के सरपंच से लेकर सोसायटी के चेयरमैन या मुहल्ले की छोटी समितियों के प्रमुख बनने तक की एक जगह नहीं छोड़ने वाले आज लोकसभा चुनाव लड़ने से भाग रहे हैं| जिन्होंने कभी अपनी कांग्रेस पार्टी की चिंता नहीं की, उन्हें आज अपनी इज्जत की चिंता सता रही है| मैदान से सेनापति ही भाग जाए तो बाकी बचे सैनिक क्या कर लेंगे? जयराजसिंह परमार ने कहा कि कांग्रेस का जब अच्छा समय था तब छोटे कार्यकर्ताओं को बंधुआ मजदूर समझने वाले कथित बड़े नेता अब एक के बाद एक मैदान से भाग रहे हैं| जयराजसिंह परमार ने कहा कि कांग्रेस के दिग्गज नेताओं ने ‘जब जहाज डूबता है तब चूहे सबसे पहले छलांग लगाते’ कहावत को गलत साबित कर दिया है| कांग्रेस के डूबत जहाज में छोटा कार्यकर्ताओं को जहाज बचने की उम्मीद है, लेकिन उसे भी भविष्य का अनुमान हो गया है| जयराजसिंह ने कहा कि जो टिकट बांटने वाले विधानसभा हारे तो लोकसभा और वहां भी हारे तो वापस विधानसभा के चुनाव लड़ने और हारने के शौकीन थे ऐसे नेताओं को राहुल गांधी टिकट देना चाहते हैं| लेकिन ऐसे नेताओं में डर पैठ गया है कि अगर वह चुनाव लड़ते हैं तो जीतना तो दूर कहीं जमानत जब्त ना हो जाए| उन्होंने कहा कि कांग्रेस के 20 साल पुरानी मंच की तस्वीरें देखिए और आज के मंच की तस्वीरें देखिए| जो पार्टी छोड़कर जा चुके हैं उन्हें छोड़ बाकी नेता वही नजर आएंगे जो 20 पहले मंच पर दिखते थे| राहुल गांधी ने द्वारका चिंतन शिबिर में कहा था कि मुझे केवल 25 लोग चाहिएं| अब तो यह लग रहा है गुजरात में विधायक और नेता समेत इतने लोग बचेंगे या नहीं, यह बड़ा सवाल है|