जलवायु परिवर्तन के कारण 375 संक्रामक रोगों में से 218 खतरनाक हुईं
लंदन । हमारे आसपास बढ़ रही प्राकृतिक आपदाओं के लिए जलवायु परिवर्तन जिम्मेदार है। बदलते मौसम के पीछे भी इसी को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। लंदन में हुए एक अध्ययन के मुताबिक, बाढ़, हीट वेव्स और सूखे जैसे जलवायु खतरों ने मलेरिया, हंटा वायरस, हैजा और एंथ्रेक्स समेत सैकड़ों बीमारियों के खतरे को बढ़ा दिया है। सोमवार को प्रकाशित एक अध्ययन में दावा किया गया है कि जलवायु परिवर्तन के कारण 375 मानव संक्रामक रोगों में से 218 रोग गंभीर श्रेणी में चले गए हैं। इस जर्नल में हजार से अधिक लोगों की बीमारियों का अध्यन किया गया था। डाटा के अनुसार कुछ मामलों में बारिश और बाढ़ के चलते रोग फैलाने वाले मच्छरों, चूहों और हिरणों के माध्यम से लोगों को गंभीर बीमारियां हुई थी। वहीं हीट वेव्स और उबलते समुद्र की वजह से ख़राब हुए समुद्री खाने के सेवन से भी लोगों को गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ा है।
यह अध्ययन दिखाता है कि मानव स्वास्थ्य पर जलवायु का प्रभाव कितना व्यापक है। विस्कॉन्सिन-मेडिसन विश्वविद्यालय में ग्लोबल हेल्थ इंस्टीट्यूट के निदेशक जोनाथन पाट्ज ने बताया कि अगर जलवायु बदल रही है, तो इन बीमारियों का खतरा भी बदल रहा है। उन्होंने आगे कहा कि अब हमें इन बीमारियों को बीमार पृथ्वी के लक्षणों के रूप में सोचने की जरूरत है। पृथ्वी भी जलवायु परिवर्तन के कारण बीमार पड़ रही है, जिसे लेकर कोई भी चिंतित नहीं है। यह देखने के लिए कि शोधकर्ता जलवायु खतरों से कितनी विकृतियां जोड़ सकते हैं उन्होंने संक्रामक रोगों को देखने के अलावा सभी प्रकार की गैर-संक्रामक बीमारियां जैसे अस्थमा, एलर्जी और यहां तक कि जानवरों के काटने को भी अपने अध्ययन में शामिल किया है। शोधकर्ताओं ने पाया गया कि कुल 286 बीमारियों में से 223 जलवायु खतरों के कारण गंभीर हो गई हैं। साथ ही 9 बीमारियां जलवायु खतरों के चलते कम गंभीर हुई हैं।