नीमच से राजेश भंडारी

नीमच : ‘‘निकट भविष्य में युग परिवर्तन के इस काल में स्वयं भू शिव के दिव्य अवतरण, प्राकृतिक आपदाओं तथा संभावित विश्‍व युद्ध के भयग्रस्त माहौल में  राजयोग द्वारा स्वयं को मानसिक रूप से तनाव मुक्त रखना, एक कल्प अर्थात 5000 वर्ष के चक्र का रहस्य, भारत के स्वर्णिम काल सतयुग के ऐतिहासिक तथ्य उपलब्ध न होने से दुनिया का क्या नुकसान हुआ.. नास्तिकवाद कैसे पनपा.. आदि आदि.. अनेक गुह्य रहस्यों को लगभग 50 वर्षों के राजयोग तपस्वी, बाल ब्रह्मचारी ब्रह्माकुमार सुरेन्द्र भाई ने लगभग साढ़े तीन घण्टे के अपने मैराथन वक्तव्य में उजागर किये । 
ब्रह्माकुमारीज़ पावन धाम के विशाल सद्‌भावना सभागार में लगभग 200 से अधिक ब्रह्मावत्सों की उपस्थिति में उक्त विशेष का आयोजन किया गया, जिसमें सभी उपस्थितजनों ने एकटक एकाग्र होकर पूरे चार घण्टे से अधिक एक आसन पर बैठकर इस विशेष शिविर का पूरा लाभ लिया । कार्यक्रम की शुरूआत में ब्रह्माकुमारी बहनों द्वारा आत्म स्मृति का तिलक लगाकर सभी के मोबाईल स्वीच ऑफ करवाकर रखवा दिये । तत्‌पश्‍चात राजयोग तपस्विनी ब्रह्माकुमारी  सविता दीदी ने शिविर की भूमिका पर प्रकाश डाला एवं अंत में सभी के लिए पवित्र ब्रह्माभोजन का आयोजन भी किया गया ।