नीमच से राजेश भंडारी

न खेती न पेयजल न सड़क भाजपा की झूठी नीतियों के कारण ग्राम के 400 लोग हुए बेरोजगार

नीमच  ।  देश और दुनिया में बेहतरीन चूना पत्थर के लिए विख्यात नीमच जिले की चैनपुरा खदान इन दिनों सुनी पड़ी है। खदान से जुड़े लोग बेरोजगार हो गए हैं और यहां के लोगों के हालात दिनों दिन खराब हो रहे हैं। इन खदानों के ठेके खत्म कर दिए जाने से यह स्थिति बनी है। यह हालत तब बन पड़े हैं जब केंद्र की मोदी सरकार अपने 9 साल के कार्यकाल पूरा होने पर विकास के दावों का ढिंढोरा पीट रही है वही मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार भी लोगों को रोजगार और आत्मनिर्भर बनाने के लाख दावे कर रही है। मूलभूत सुविधाएं भी यहां के लोगों को नहीं मिल पा रही। विडंबना देखिए मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार में लघु उद्योग मंत्रालय देखने वाले मंत्रीजी के जिले के लोग ही बेरोजगार हो गए हैं। अखबार और मीडिया में सुर्खियां बटोरने के लिए बड़ी बड़ी घोषणा करने वाली शिवराज और मोदी सरकार को यहां के बाशिंदे कोस रहे हैं। 

भाजपा सरकार पर अनदेखी का आरोप लगाते हुए पूर्व जिला पंचायत सदस्य और वरिष्ठ कांग्रेस नेत्री श्रीमती मधु बंसल ने कहा कि नीमच से करीब 20 किलोमीटर दूर स्थित बामनबड़ी पंचायत की चैनपुरा खदान के नाम से पहचाने जाने वाले इस गांव को और यहां के लोगों को शिवराज सरकार ने भगवान भरोसे छोड़ दिया है। शासन की सारी योजनाएं इस गांव में आने से पहले ही दम तोड़ चुकी हैं। अनुसूचित जाति और जनजाति बाहुल्य वाले इस क्षेत्र में परंपरागत रूप से खदानों के जरिए यहां के लोग जीविकोपार्जन करते चले आ रहे हैं। लेकिन शासन द्वारा खदानों के ठेके खत्म कर दिए जाने से खदाने बंद पड़ी है और काम नहीं मिल पा रहा जिसके कारण लोग बेरोजगार हो गए हैं। कांग्रेस नेत्री श्रीमती बंसल ने कहा कि सीमेंट उद्योग के कारोबारी तो दिन दुगुनी और रात चौगुनी तरक्की कर गए मगर इन कारखानों में चूना पत्थर पहुंचाने वाली इस खदान के बाशिंदे आज भी तंगहाल जिंदगी जीने को मजबूर हैं । रोजगार की तलाश में पुरुष और महिलाएं इधर उधर भटक रहे हैं।  आर्थिक संकट से जूझ रहे इन परिवारों के बच्चों की शिक्षा भी प्रभावित हो रही है और वे पढ़ाई छोड़कर काम की तलाश में जुट गए हैं।  मूलभूत सुविधाएं भी इस गांव को नसीब नहीं हो पा रही। यहां की कच्ची सड़कें सरकार के विकासवादी दावों को मुंह चिढ़ा रही है। यहां सड़क का पहुंच मार्ग तक नहीं बन पाया है। पेयजल को लेकर भी इस गांव में संकट बना हुआ है और पानी की टंकी दर्शन मात्र के लिए रह गई है। महिलाओं को रोजाना दूरदराज से पीने का पानी लाने की जद्दोजहद करना पड़ रही है। पानी को लेकर यहां के लोग सुबह से ही निकल जाते हैं। महिलाएं पानी लेने जाती है तो घर के काम छूट जाते हैं और पुरुष पानी लेने जाते हैं तो काम पर नहीं जा पाते। कमोबेश ऐसे ही हालातों से यहां के बाशिंदे रोज जूझ रहे हैं और उन्हें अपनी मूलभूत सुविधाओं के लिए भी तरसना पड़ रहा है। केंद्र और राज्य सरकार की नल जल योजना और घर घर नल योजना का दंभ भरने वाली भाजपा सरकारों की पोल नीमच जिले की चैनपुरा खदान का यह गांव खोल रहा है। 

श्रीमती मधु बंसल ने कहा कि शासन और जिला प्रशासन को उन्होंने कई बार अवगत कराया लेकिन चेनपुरा खदान के लोगों के हालातों को अनदेखा कर दिया गया। यहां तक की ग्रामीणों के पट्टे की खेती भी अतिक्रमण बता कर खत्म कर दी गई। अनुसूचित जाति जनजाति बाहुल्य वाले इस गांव की करीब 400 लोगों  को आबादी को शासन की किसी भी योजना और परियोजना का लाभ नहीं मिल पा रहा । यहां के लोगों से ऐसा सौतेला व्यवहार क्यों किया जा रहा है यह समझ से परे है।  श्रीमती बंसल ने कलेक्टर से मांग की है कि चैनपुरा गांव के लोगों की इन समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए शीघ्र समाधान करें ।साथ ही उन्होंने ग्रामीणों को उनकी हर समस्या के लिए उनके साथ खड़ा रहने का वचन भी दिया है।