10 साल में चार बार 45 डिग्री के पार गया पारा


भोपाल । जून महीने के 20 दिन बीत चुके हैं। गर्मी और उमस से लोग परेशान हैं। एक सप्ताह बाद मानसून आने की संभावना है तब तक ऐसे ही मौसम रहेगा। हालांकि, इन दिनों बिपरजॉय ने थोड़ी राहत दी है। बादल और बौछारों से गर्मी का उतना प्रकोप नहीं है। जबकि, पिछले 60 सालों के रिकॉर्ड के मुताबिक पिछले दस सालों में जून का महीना काफी गर्म रहा है। वर्ष 2019 में जून में सर्वाधिक तापमान 45.9 डिग्री रिकॉर्ड हुआ था।
शहर में सुबह से ही मौसम सुहाना रहा। आसमान में बादल छाए रहे। इससे तापमान में लगभग साढ़े चार डिग्री की गिरावट आई। अधिकतम तापमान 34.2 और न्यूनतम 28 डिग्री रहा। शहर में अधिकतम तापमान 45 दिन बाद 34 डिग्री पर पहुंचा। इसके पहले 5 मई को अधिकतम तापमान 34 डिग्री था।
ग्लोबल वार्मिंग से बढ़ा तापमान
मौसम विभाग का कहना है कि जून में औसत तापमान में बढ़ोतरी हुई है। पिछले 50-60 सालों में जून का औसत तापमान लगभग आधा डिग्री से भी अधिक बढ़ा है। वर्ष 2000 के पहले आमतौर पर जून माह में अधिकतम तापमान 45 डिग्री के आसपास रहता था, लेकिन पिछले दस सालों के ही रिकॉर्ड देखे तो कई बार तापमान 45 डिग्री के पार चला गया। इसका कारण लगातार बढ़ती आबादी, वनों की कटाई, ग्लोबल वार्मिंग है।
 बिजली विभाग में अलर्ट
बिपरजॉय के असर से भोपाल में तेज हवाएं और अलग-अलग क्षेत्रों में बारिश हो रही है। आने वाले 4 दिनों तक कई जगहों पर तेज आंधी बारिश के आसार जताए जा रहे हैं। इस कारण विद्युत वितरण कंपनी ने भोपाल समेत 16 जिलों के अंतर्गत आने वाले सभी मैदानी कार्यालयों के अधिकारियों एवं लाइन कर्मियों को बदलते मौसम के दौरान सावधानी रखने के निर्देश दिए हैं। अगले दो तीन दिनों में अलग-अलग जिलों में भारी बारिश और आंधी को लेकर मौसम विभाग के अलर्ट के बाद कंपनी के एमडी जीएस मिश्रा ने निर्देश दिए। बिपरजॉय का असर भोपाल में कम, लेकिन ग्वालियर चंबल संभाग और राजस्थान से सटे इलाकों में ज्यादा देखने को मिल रहा है।