पंजाब में भगवंत मान का चेहरा सबसे ऊपर दिल्ली का दखल कम
नई दिल्ली । पंजाब में मंत्रिमंडल का शपथ ग्रहण भी हो गया और इसके साथ ही ही पंजाब में भगवंत मान कैबिनेट की पहली बैठक भी हो गई। मंत्रियों का शपथ ग्रहण समारोह पंजाब राजनिवास में हुआ, जिसमें शपथ लेने आए मंत्रियों के साथ आम आदमी पार्टी के पंजाब के सभी नवनिर्वाचित विधायक भी शामिल रहे। लेकिन इस दौरान पार्टी के मुखिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ही नज़र नहीं आए बल्कि दिल्ली से जुड़ा एक भी मंत्री या नेता इस शपथ ग्रहण कार्यक्रम में मौजूद नहीं रहा। यहां तक कि पंजाब चुनाव के प्रभारी और दिल्ली से आप विधायक जरनैल सिंह और पंजाब सह-प्रभारी राघव चड्ढा भी इसमें शामिल नहीं हुए। जानकारी के मुताबिक दिल्ली में किसी को भी इस कार्यक्रम के लिए न्योता नहीं दिया गया था। इतना ही नहीं कुछ दिनों पहले अख़बारों में भगवंत मान के शपथ से जुड़े विज्ञापनों भी सिर्फ़ मान ही नज़र आए और कोई दूसरा चेहरा नहीं दिखाई दिया। हालांकि पार्टी से जुड़े सूत्रों की मानें तो अरविंद केजरीवाल और पार्टी के दूसरे बड़े नेताओं ने फैसला किया है कि पंजाब भगवंत मान की निगरानी में ही काम करेगा, पंजाब में जो भी फैसले लिए जाएंगे वो सभी भगवंत मान और उनकी कैबिनेट के द्वारा ही लिए जाएंगे, दिल्ली की दखल इसमें कम ही देखने को मिलेगी। पार्टी सूत्रों का ये भी कहना है कि भगवंत मान ने अपनी कैबिनेट के लिए मंत्रियों की लिस्ट भी खुद ही फ़ाइनल की है। दरअसल भगवंत मान चुनाव से पहले पंजाब में पार्टी के अध्यक्ष भी रहे हैं और पंजाब की कमान काफ़ी हद तक उन्होंने ही संभाल के रखी थी, ये भी माना जा रहा है कि पार्टी की बड़ी जीत के पीछे भगवंत मान का चेहरा भी काफ़ी काम आया। यही वजह है कि अरविंद केजरीवाल उन पर काफी भरोसा करते हैं और वो चाहते हैं कि पंजाब में सरकार भगवंत मान के फैसले पर काम करे और ये फैसले ऐसे हों जिन्हें पार्टी आगामी चुनावों में जनता के सामने ले जा सके ताकि बाक़ी राज्यों में भी पार्टी को पंजाब मॉडल पर जीत हासिल हो सके। भगवंत मान मंत्रिमंडल शामिल हुए गुरमीत सिंह ने बताया कि पंजाब का चुनाव पार्टी ने भगवंत मान के चेहरे पर ही लड़ा था ऐसे में जो भी फ़ैसले अब पंजाब में लिए जा रहे हैं या आगे लिए जाएंगे वो मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा ही लिए जाएंगे। वहीं भगवंत मान कैबिनेट में शामिल हुई इकलौती महिला मंत्री डॉक्टर बलजीत कौर ने भी कहा कि भगवंत मान के चेहरे पर हमने चुनाव जीता है, सभी फ़ैसले उनके हिसाब से ही लिए जाएंगे।। बाक़ी जो गाइडलाइन्स पार्टी की रहेगी उसी के हिसाब से काम होगा। राजनीति के जानकारों का कहना है कि पंजाब और दिल्ली दो अलग तरह के राज्य हैं, इसलिये दिल्ली की तुलना पंजाब से नहीं की जा सकती। भगवंत मान पंजाब में उसी हिसाब से काम करेंगे इसलिए दिल्ली का दखल भी कम ही देखने को मिलेगा। ये ज़रूर है कि पार्टी का राष्ट्रीय नेतृत्व भी मायने रखता है। पार्टी को भरोसा है कि भगवंत मान दिल्ली में केजरीवाल मॉडल को ध्यान में रखते हुए ही पंजाब में काम करेंगे। कैबिनेट के 25000 सरकारी नौकरियां जारी करने के पहले बड़े फ़ैसले और भगवंत मान के एंटी करप्शन हेल्पलाइन नंबर शहीदी दिवस पर जारी करने के एलान ने ये काफ़ी हद तक साफ़ भी कर दिया है कि पंजाब में ज़्यादातर चीजें दिल्ली के केजरीवाल मॉडल के जैसी ही होंगी। यही वजह है कि फ़िलहाल पार्टी नेता दिल्ली से पंजाब में दखल देने से बच रहे हैं।