चंडीगढ़। शिरोमणि अकाली दल ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान की ओर से यह स्वीकार किए जाने के बावजूद कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने वरिष्ठ अकाली नेता बिक्रम सिंह मजीठिया (Bikram Singh Majithia) को झूठे मामले में फंसाने की कोशिश की, इसके बावजूद पूरे झूठे ड्रग्स मामले की फाइल को फिर से खोला जा रहा है।

अदालत ने किया था केस खारिज: शिअद

शिअद के मुख्य प्रवक्ता अर्शदीप सिंह कलेर ने मुख्यमंत्री के एक साक्षात्कार का जिक्र करते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि भगवंत मान ने मजीठिया के खिलाफ दर्ज झूठे ड्रग्स के मामले में मुख्य जांचकर्ता बनने की जिम्मेदारी ली है। उन्होंने कहा कि यह इस तथ्य के बावजूद किया जा रहा कि अकाली दल को इस मामले में जमानत मिल गई थी, क्योंकि अदालत ने कहा था कि नशे की तस्करी से उनका कोई लेना-देना नही है।

मजीठिया के खिलाफ एक भी सबूत नहीं जुटा पाई एसआईटी: कलेर

मजीठिया को बदनाम करने और आम आदमी पार्टी सरकार की नाकामियों से लोगों का ध्यान हटाने का हताश प्रयास करार देते हुए कलेर ने कहा आम आदमी पार्टी सरकार मामले के लिए एक विशेष जांच टीम (एसआईटी) गठित करने के बावजूद मजीठिया के खिलाफ एक भी सबूत नहीं जुटा पाई है।

उन्होंने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि मुख्यमंत्री की ओर से यह स्वीकार करने के बावजूद कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने झूठा मामला दर्ज किया गया था, वह बदलाखोरी की भावना से यह जारी रखना चाहते हैं।

केजरीवाल पर साधा निशाना

कलेर ने यह भी कहा कि आप सरकार ने अकाली नेता के खिलाफ मनमाना फैसला हासिल करने के लिए ड्रग्स मामले की जांच कर रही एसआईटी के प्रमुखों को बार-बार बदला है।

उन्होंने कहा कि इस तरह की हरकतें करने के बजाय मुख्यमंत्री भगवंत मान को राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति को सुधारने, नशे की बढ़ती समस्या को रोकने और अपने बॉस अरविंद केजरीवाल की राजनीति और चुनाव अभियानों को वित्तपोषित करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।