राजस्थान विधानसभा के बाहर सभी विधायक धरने पर बैठे
जयपुर । राजस्थान विधानसभा में पांच दिन से गतिरोध जारी है. फिलहाल यह गतिरोध टूटता नहीं दिख रहा है विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने से पहले कांग्रेस के तमाम विधायक विधानसभा पहुंचे, लेकिन विधायकों को अंदर जाने की अनुमति नहीं होने के चलते कोई भी कांग्रेस का विधायक विधानसभा में नहीं गया ऐसे में विधानसभा के पश्चिमी द्वार के बाहर सभी विधायक धरने पर बैठ गए. इनमें अशोक गहलोत, सचिन पायलट, गोविंद सिंह डोटासरा, टीकाराम जूली भी है।
कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने और सुरक्षा कर्मियों व पुलिस के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाने की चेतावनी दी है. वहीं, मंत्री मदन दिलावर और विधायक गोपाल शर्मा ने पूरे कार्यकाल के लिए गोविंद सिंह डोटासरा की सदस्यता खत्म करने की मांग की है। कांग्रेस विधायकों के धरने में पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मीडिया से बातचीत में सरकार पर सदन नहीं चलने देने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि पहले फोन टैपिंग के आरोपों से घिरी सरकार ने राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर नेता प्रतिपक्ष का भाषण नहीं होने दिया. आज भी कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा से आरोपी की तरह बर्ताव किया जा रहा है, जबकि डोटासरा सहित अन्य नेताओं ने पूरे घटनाक्रम पर खेद प्रकट कर दिया. इसके बाद भी मंत्री ने माफी नहीं मांगी. यह दर्शाता है कि सरकार सदन चलाने की इच्छुक नहीं है। धरना स्थल पर पहुंचे कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और टोंक विधायक सचिन पायलट ने कहा कि सरकार खुद सदन नहीं चलाना चाहती है जब गोविंद सिंह डोटासरा सहित हमारे तीन-तीन नेताओं ने पूरी घटना पर खेद प्रकट कर दिया था. लेकिन जब मंत्री के खेद प्रकट करने की बारी आई तो नहीं किया. हमारी मांग इतनी ही थी कि यह बात कार्यवाही से निकाली जाए और मंत्री माफी मांगे. उन्होंने कहा कि किसने क्या कहा और क्या किया यह मुद्दा नहीं है। डोटासरा ने कहा कि स्पीकर ने निलंबित विधायकों को सदन से बाहर तक विधानसभा में आने की अनुमति सदन की प्रक्रिया के दौरान दी थी, लेकिन अब उन्हें विधानसभा के गेट पर ही रोका जा रहा है. यह विधायकों के विशेषाधिकार का हनन है. अगर स्पीकर के इशारे पर यह सब हो रहा है तो उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने पर चर्चा करेंगे. सुरक्षाकर्मियों और अन्य अधिकारियों के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाने पर भी विचार किया जा रहा है। डोटासरा ने कहा कि विपक्ष सदन चलाना चाहता है, लेकिन सत्ता पक्ष हठधर्मिता अपनाते हुए जिस तरह का माहौल खराब कर रहा है, वो ठीक बात नहीं. डोटासरा ने कहा कि संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने जो कहा वो सरासर गलत है. विधानसभा अध्यक्ष से हमारी किसी भी तरह की व्यक्तिगत माफी मांगने की बात नहीं हुई. सत्ता पक्ष आपने ही अंतर्कलह में उलझा हुआ है. आपसी गुटबाजी के बीच यह खुद नहीं चाहते कि सदन की कार्यवाही चले. सदन में गतिरोध सत्ता पक्ष की आपसी गुटबाजी की वजह से है और जिम्मेदारी हमपर थोप रहे हैं।