बच्चों में श्वसन की बीमारी पर अलर्ट - सतर्कता बरतने की सलाह
भोपाल। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रभाकर तिवारी ने सभी मेडिकल कॉलेजों,शासकीय एवं निजी चिकित्सालयो को निर्देश दिए हैं कि विगत सप्ताहों मे चीन में बच्चों में श्वसन की बीमारी के प्रकरणों में बढोत्तरी के दृष्टिगत एडवाइजरी जारी की है। डा. तिवारी ने बताया कि वर्तमान में उपलब्ध जानकारी के अनुसार श्वसन संबंधी बीमारियों में वृद्धि मुख्य रूप से बच्चों में हो रही है और यह इन्फ्लूएंजा, माइक्रोप्लाज्मा निमोनिया आदि जैसे सामान्य कारणो से होती है।
सीएमएचओ द्वारा जारी एडवाइजरी में निर्देश दिए गए हैं कि सभी जिला अस्पतालों और चयनित टेरिटरी अस्पतालों, एम्स, जिला अस्पतालों, बढ़े टेरिटरी केयर वाले सरकारी, राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों के मेडिकल कॉलेज,अस्पतालों सहित निजी अस्पतालों में SARI प्रकरणों की निगरानी और कोविड-19 के लिए उनका RT-PCR परीक्षण कराया जाए। IDSP द्वारा ILI और SARI प्रकरणों के संबंध में स्वास्थ्य सुविधाओं का रिपोर्टिंग डाटा साझा किया जाएगा। जिला स्तर पर कलेक्टर एवं राज्य स्तर पर एम.डी. एन.एच.एम. द्वारा रिपोर्टिंग की समीक्षा सुनिश्चित की जाए।
- प्रयोगशाला आधारित निगरानी
उन्होंने कहा है कि कोविड-19 के लिए लैब टेस्टिंग का डाटा ICMR पोर्टल पर अपलोड किया जाए। IDSP-IHIP की नियमित निगरानी के लिए आईसीएमआर का डाटा एपीआई के माध्यम से भी उपलब्ध कराया जाए। डाटा का विश्लेषण परीक्षण पॉजिटिविटी रेट और सिटी वैल्यू यदि संभव हो के आधार पर किया जाए। समुदाय आधारित निगरानी समुदाय में होने वाली असामान्य घटनाएं जैसे असामान्य प्रकरण, मृत्यु दर, आदि का शीघ्र पता लगाने पर केंद्रित है। मीडिया स्कैनिंग के माध्यम से घटना आधारित निगरानी और IDSP द्वारा घटना का सत्यापन IDSP-IHP पोर्टल पर इवेंट अलर्ट जनरेशन ILI और SARI प्रकरणों की आईडीएसपी / आईएचआईपी रिपोर्टिंग के माध्यम से Indicator based surveillance जिला स्तरीय रैपिड रिस्पांस टीम असामान्य घटनाओं का आकलन करेंगी और यदि आवश्यक हो तो आउटब्रेक की जांच की जाएगी।
- संपूर्ण जीनोमिक निगरानी
डॉ. तिवारी ने कहा है कि INSACOG के अंतर्गत प्रयोगशाला नेटवर्क की निरंतरता और विस्तार आवश्यकता आधारित तीन आयामी जीनोमिक निगरानी रणनीति का पालन किया जाए। अंतरराष्ट्रीय आगमन के अनुपात (MoHFW के नवीनतम दिशा निर्देशों के आधार पर का परीक्षण किया जाए और सभी पॉजिटिव की Sequencing की जाए। नियमित आधार पर WGS के लिए सैम्पल भेजने के लिए INSACOG नेटवर्क के Sentinel Site चिन्हित किया जाए। बड़े समूहों के पॉजिटिव सैंपल समुदाय में आउटब्रेक और असामान्य घटनाओं के सैम्पल WGS के लिए भेजा जाना है।विस्तृत दिशा-निर्देश इस लिंक पर उपलब्ध हैं: (https://www.mohfw.gov.in/pdf/ INSACOGGuidance Documentdated 15 July 2021 final.pdf सीवेज/वेस्ट वॉटर सर्विलेंस (Sewage/Wastewater Surveillance कई अध्ययनों से ज्ञात हुआ है कि SARS-CoV-2 RNA में वृद्धि का पता COVID-19 का पता लगाने से कई दिन पहले पर्यावरण के Samples के Clinical Surveillance के माध्यम से लगाया जा सकता है। COVID-19 के लिए संशोधित निगरानी रणनीति में उद्देश्यों के साथ अखिल भारतीय सीवेज, अपशिष्ट जल निगरानी के लिए वर्तमान में मौजूद कई प्रणालियों को एकीकृत करने की परिकल्पना की गई है।
- COVID-19 के प्रकरणों में वृद्धि पाये जाने पर पूर्व चेतावनी प्रदान करें
सीएमएयओ डॉ. तिवारी ने कहा कि स्थानीय सरकुलेशन में वायरस लोड का अनुमान प्रदान करें। Genomic Characterization द्वारा वायररा आइसोलेट्स प्रदान कर Circulating variants/Mutation का पता लगाया जा सकें। इस परियोजना में प्रस्तावित गतिविधियों को एक एकीकृत नेटवर्क के रूप में किया जाएगा। जिससे एक मानक कार्यप्रणाली एवं दोहराव न हो। इस प्रणाली को भविष्य में रोगाणुरोधी प्रतिरोध निगरानी गतिविधियों के लिए अनुकूलित किया जा सकता है। इस समय यह पायलट आधार पर है। सीवेज/वेस्ट वॉटर के sample के लिए साइट के नेटवर्क को INSACOG द्वारा अंतिम रूप दिया जाएगा और सीवेज निगरानी नेटवर्क के डाटा का मूल्यांकन लोक स्वास्थ्य प्रतिक्रिया के मार्गदर्शन में इसकी प्रभावशीलता के लिए किया जाएगा। सेरो-सर्विलांस वायरस और या टीकाकरण के जोखिम के आकलन करने के लिए एक उपयोगी है।