बारां. राजस्थान के बारां जिला प्रमुख में हुई बीजेपी की हार पर पार्टी में घमासान जारी है. पार्टी के वरिष्ठ विधायक प्रताप सिंह सिंघवी पहले तो जांच कमेटी से हट गए. इसके बाद फिर उन्होंने बयान देकर सबको हैरान कर दिया कि इस घटना के जरिये पूर्व सीएम वसुंधरा राजे,सांसद दुष्यंत सिंह और उनको टारगेट किया जा रहा है.वहीं प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि पार्टी से दगा करने वालों को ईश्वर देखता है. सिंघवी ने कहा कि मुझे, वसुंधरा राजे और दुष्यंत को टारगेट करने की साजिश की गई. बता दें कि अमित शाह के दौरे के कुछ दिन बाद बीजेपी में संग्राम छिड़ गया है. बारां जिला प्रमुख चुनाव में पार्टी की हार पर पार्टी के नेता आमने सामने हैं. बीजेपी ने पहले जिलास्तर पर जांच कमेटी बनाई.विधायक प्रताप सिंह सिंघवी को कमेटी का सदस्य बनाया गया मगर इससे पहले कि कमेटी  जांच शुरू करती सिंघवी ने कमेटी से इस्तीफा देकर सबको चौंका दिया. उन्होंने कहा कि मेरे कमेटी में रहते निष्पक्ष जांच संभव नहीं थी. लोग सवाल उठाते. सिंघवी ने कहा कि बारां जिले की ही छबड़ा विधानसभा सीट से विधायक हूं. लिहाजा मैनें कमेटी छोड़ने का फैसला किया. इतना ही नहीं जिला प्रमुख चुनाव के बाद मचे बवाल पर सिंघवी ने कहा कि इस घटना के जरिए पूर्व सीएम वसुंधरा राजे, सांसद दुष्यंत सिंह और उन्हें निशाना बनाने का षडयंत्र हो रहा है. उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि जांच कमेटी इस मामले में न्याय करेगी और दोषियों को आजीवन पार्टी से बाहर निकाला जाएगा.

प्रदेश नेतृत्व ने बनाई कमेटी, कईयों पर गिर सकती है गाज
बीजेपी ने बारां जिला प्रमुख चुनाव में हुई क्रॉस वोटिंग के बाद घटना को गंभीरता से लिया है. पहले जिला स्तर पर जांच कमेटी बनाई गई, फिर प्रदेश से महामंत्री भजनलाल शर्मा और विधायक नारायण सिंह देवल को बारां भेजा गया. दोनों विधायकों ने बीजेपी नेताओं और जिला परिषद के सदस्यों से पूरी जानकारी जुटाई। कांग्रेस के पक्ष में वोट देने वाले सदस्य का नाम खंगालने की पूरी कोशिश की गई. पूनिया ने इस घटनाक्रम पर कहा कि पार्टी के साथ धोखा करने वाले को पहले जनता देखती है,फिर ईश्वर देखता है और उसके बाद पार्टी देखती है. ऐसे लोग मुगालते में ना रहें. कुछ दिन वो ऐसा कर अपनी महत्वाकांक्षाएं पूरी कर सकते हैं, हमेशा के लिए पार्टी की आंखों में धूल नहीं झोंक सकते. बीजेपी ठोस कदम उठाएगी ताकि क्रॉस वोटिंग फिर न हो.


बीजेपी के पास दो जगह था बहुमत
गौरतलब है कि प्रदेश के चार जिलों में जिला प्रमुख के चुनाव होने थे. इनमें दो जगह बीजेपी के पास बहुमत था, लेकिन वह एक जगह ही जिला प्रमुख बना सकी. कांग्रेस के पास भी दो जिलों का बहुमत था लेकिन उसने जोड़तोड़ की और तीसरा जिला प्रमुख भी बना लिया. बारां में खान मंत्री प्रमोद जैन भाया की पत्नी उर्मिला जैन भाया के लिए क्रॉस वोटिंग हो गई और वे जिला प्रमुख बन गईं. बता दें, जिला परिषद के 25 सदस्य हैं. इनमें से बीजेपी के 13 और कांग्रेस के 12 सदस्य थे. बीजेपी के एक जिला परिषद सदस्य ने कांग्रेस के पक्ष में वोट दे दिया.

बीजेपी को करौली में नहीं मिला प्रत्याशी
बता दें, राजस्थान के करौली में तो बीजेपी की बेहद नाजुक रही. यहां पार्टी के पास जिला प्रमुख बनाने के लिए प्रत्याशी ही नहीं था. इस वजह से कांग्रेस की शिमला देवी निर्विरोध जिला प्रमुख बन गईं. करौली की जिला प्रमुख की सीट एससी महिला के लिए आरक्षित थी. करौली में जिला परिषद के 27 वार्ड हैं. इनमें 15 पर कांग्रेस, बीजेपी के 7, बसपा का 1 और 4 निर्दलीय सदस्य हैं. जिला प्रमुख शिमला देवी सपोटरा इलाके से हैं. ये इलाका पंचायतीराज मंत्री रमेश मीणा का गढ़ माना जाता है.