भोपाल । प्रदेश के अधिकतर जिलों में मंगलवार से गरज-चमक के साथ वर्षा भी होने की संभावना है। अभी आज और कल मौसम का मिजाज इसी तरह बना रहने का अनुमान है। उसके बाद तापमान में गिरावट होगी। 
मौसम विज्ञानियों के मुताबिक, वर्तमान में अलग-अलग स्थानों पर दो मौसम प्रणालियां देश के साथ प्रदेश के मौसम को प्रभावित कर रही हैं। हवाओं का रुख भी पश्चिमी है। वातावरण में नमी रहने से जहां आंशिक बादल बने हुए हैं, वहीं गर्मी के साथ उमस भी परेशान कर रही है। शनिवार को प्रदेश में सबसे अधिक 43.2 डिग्री सेल्सियस तापमान दमोह में दर्ज किया गया। किसी भी जिले में लू के हालात नहीं बने। 
मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक वर्तमान में एक पश्चिमी विक्षोभ उत्तराखंड पर हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात के रूप में बना हुआ है। एक अन्य पश्चिमी विक्षोभ अफगानिस्तान के आसपास ट्रफ के रूप में बना हुआ है। मंगलवार से प्रदेश के अधिकतर जिलों में बादल छाने और गरज-चमक के साथ वर्षा होने का सिलसिला शुरू हो सकता है। इससे दिन के तापमान में गिरावट भी होगी। हालांकि वर्तमान में अरब सागर में चक्रवाती तूफान और बंगाल की खाड़ी में म्यांमार के पास कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है, लेकिन इन दोनों मौसम प्रणालियों का मप्र के मौसम पर कोई प्रभाव नहीं हो रहा है। 
पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि वर्तमान में औसतन 25 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से पश्चिमी हवाएं चल रही हैं। हवाओं के साथ नमी आने के कारण आंशिक बादल बने हुए हैं। इससे न्यूनतम तापमान में भी बढ़ोतरी होने लगी है। इसके साथ ही वातावरण में उमस बढ़ गई है। इस तरह की स्थिति सोमवार तक बनी रह सकती है। पश्चिमी विक्षोभ के आगे बढ़ने पर मौसम का मिजाज बदलने की संभावना है।