मुंबई । श्रद्धा वालकर के पिता विकास वालकर ने मंगलवार को मांग की कि उनकी बेटी की हत्या के मामले में आरोपी आफताब अमीन पूनावाला के माता-पिता से पूछताछ की जाए। गौरतलब है कि आफताब अमीन पूनावाला ने अपनी लिव-इन पार्टनर श्रद्धा वालकर की कथित तौर पर गला दबाकर हत्या कर दी थी और फिर उसके शव के कई टुकड़े कर दिए थे। 
विकास वालकर ने फोन पर की बातचीत में कहा कि अगर मामले में पूनावाला के माता-पिता की संलिप्तता का पता चला है तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि निर्भया सामूहिक बलात्कार व हत्या मामले की तरह कई वर्षों तक मामले को चलाने के बजाय इस पर त्वरित सुनवाई हो और पूनावाला को फांसी की सजा दी जाए।
मामले में दाखिल आरोपपत्र के अनुसार आरोपी आफताब अमीन पूनावाला ने 18 मई को अपनी लिव-इन पार्टनर श्रद्धा वालकर की कथित तौर पर गला दबाकर हत्या कर दी थी और उसके बाद उसके शव के कई टुकड़े कर दिए जिन्हें उसने करीब तीन सप्ताह तक दक्षिणी दिल्ली के महरौली स्थित अपने घर पर ‘रेफ्रिजरेटर में रखा। विकास वालकर ने बताया कि उन्होंने हाल ही में महाराष्ट्र के पालघर जिले में वसई पुलिस के अधिकारियों से मुलाकात की और मामले तथा पूनावाला के माता-पिता के बारे में पूछा।  उन्होंने दावा किया कि पुलिस ने कहा कि उन्हें पूनावाला के माता-पिता के बारे में कुछ नहीं पता है। विकास वालकर ने कहा कि जहां तक मुझे पता है कि मामले में उसके (पूनावाला के) माता-पिता के बयान दर्ज नहीं किए गए हैं और मुझे नहीं पता कि वे कहा हैं। उन्हें सामने लाकर उनसे पूछताछ की जानी चाहिए। विकास वालकर ने पूनावाला के खिलाफ मुकदमे की त्वरित सुनवाई की मांग भी की। उन्होंने कहा कि त्वरित सुनवाई कर आफताब को फांसी की सजा दी जानी चाहिए, मैं इंसाफ के लिए कई वर्षों तक इंतजार नहीं करना चाहता।
श्रद्धा के अवशेष मुझे सौंपे जाएं, अंतिम संस्कार करना है: विकास वालकर
विकास वालकर ने कहा कि निर्भया के मामले में उसके माता-पिता को न्याय के लिए सात साल इंतजार करना पड़ा था।  उन्होंने उनकी बेटी के अवशेष उन्हें सौंपे जाने की भी मांग की ताकि उसका अंतिम संस्कार किया जा सके। वालकर ने कहा कि मैं चाहता हूं कि श्रद्धा के अवशेष मुझे जल्द से जल्द सौंपे जाएं, लेकिन पुलिस का कहना है कि कानूनी कार्रवाई पूरी होने पर उन्हें सौंपा जाएगा क्योंकि आरोप अभी तय किए गए हैं और अवशेषों की पहचान भी अभी बाकी है। दिल्ली पुलिस ने मामले में 24 जनवरी को 6,629 पन्नों का आरोपपत्र दाखिल किया था।