प्रचलित मान्यताओं के अनुसार जगन्नआथ मंदिर का निर्माण राजा इंद्रद्युमन राजा ने हनुमान जी की प्ररेणा से बनवाया था. जिसकी रक्षा आज भी हनुमान स्वयं करते हैं.
कहा जाता है यहां कण कण में हनुमान जी की निवास है. यहां इनके निवास का परमाण देने वाले कई चमत्कार भी घटित हो चुके हैं. बता दें मंदिर के चारों द्वार के समक्ष रामदूत हनुमान जी का एक मंदिर है, जिसे बेड़ी हनुमान मंदिर के नाम से जाना जाता है. बेड़ी हनुमान मंदिर, जंजीर से बंधा एक हनुमान मंदिर है समुद्र तट के निकट स्थित एक छोटा सा मंदिर है जो पुरी के चक्र नारायण मंदिर की पश्चिम दिशा की ओर बना है. इसे दरिया महावीर मंदिर भी कहा जाता है. दरिया का अर्थ है समुद्र महावीर भगवान हनुमान का दूसरा नाम है.
एक बार, हनुमान, जिन्हें समुद्र के क्रोध से पुरी की रखवाली करने का जिम्मा सौंपा गया था, वे भगवान जगन्नाथ को बिना बताए अयोध्या चले गए, तब समुद्र का पानी शहर में प्रवेश कर मंदिर को क्षतिग्रस्त कर गया. भविष्य में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए, भगवान जगन्नाथ ने हनुमान को जंजीरों से बांध दिया उन्हें दिन रात सतर्क रहने का आदेश दिया.
मंदिर की बाहरी दीवारों पर विभिन्न देवी देवताओं के चित्र हैं जैसे कि पश्चिमी दिशा की दीवार पर अंजना अपने गोद में बैठे बच्चे से लाड़ कर रही है, उत्तरी दिशा की दीवार पर आभूषित खम्बे की चौकी को पकड़े खड़ी एक दैवत्व महिला, दक्षिणी ओर की दीवार पर भगवान गणेश के चित्र पुरी के सांस्कृतिक गौरव को बढ़ाते हैं.