भोपाल । माध्यमिक शिक्षा मंडल (माशिमं) की 10वीं व 12वीं बोर्ड परीक्षा के करीब 66 हजार विद्यार्थियों ने पुनर्मूल्यांकन के आवेदन भरे हैं। वहीं 18 हजार विद्यार्थियों ने अपनी उत्तरपुस्तिकाएं देखने के लिए मांगी है। विद्यार्थियों ने जिस क्रम में आवेदन किए हैं। उसी क्रम में उत्तरपुस्तिकाओं की जांच की जा रही है। विद्यार्थियों को आवेदन के लिए परीक्षा परिणाम घोषित होने के 15 दिन के अंदर का समय दिया गया था। अब एक माह का समय पूरा हो चुका है, इसलिए पुनर्मूल्यांकन कर सुधार किए गए अंकसूचियों को तैयार करने का कार्य तेजी से चल रहा है। जल्द ही अंकसूचियों में सुधार कर परिणाम जारी किया जाएगा ।
मप्र 10वीं व 12वीं बोर्ड परीक्षा का परिणाम 24 अप्रैल को घोषित किया गया था। 10वीं में 58.10 प्रतिशत व 12वीं में में 64.49 प्रतिशत विद्यार्थी पास हुए। दोनों कक्षाओं में 17 लाख विद्यार्थियों ने परीक्षा दी थी।इसमें करीब 3.76 लाख विद्यार्थी फेल हुए, जबकि 1.88 लाख को पूरक मिला है। कम अंक मिलने से नाराज परिणाम घोषित होने के 15 दिन के अंदर करीब 66 हजार परीक्षार्थियों ने पुनर्मूल्यांकन के लिए आवेदन किए हैं।इसमें 12वीं के 47 हजार और 10वीं में 19 हजार से अधिक विद्यार्थियों ने आवेदन किया है। इनमें से ज्यादातर की शिकायत है कि उन्होंने परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन किया है। फिर भी कुछ विषयों में अपेक्षा से कम अंक मिले हैं। वहीं परीक्षार्थी कम अंक देने की भी शिकायत कर रहे हैं।


तीन माह की अवधि में होगा सुधार
मप्र 10वीं व 12वीं बोर्ड के विद्यार्थियों को जल्द ही अंकसूची का वितरण किया जाएगा। परीक्षार्थियों को दी जा रही अंकसूचियों में किसी प्रकार की लिपिकीय त्रुटि होने पर परीक्षा परिणाम घोषित होने के दिनांक से तीन माह की अवधि तक उसे ठीक करने के लिए नि:शुल्क व्यवस्था है। तीन माह में किसी प्रकार का सुधार न कराने वाले विद्यार्थियों को बाद में सुधार कराने के लिए शुल्क सहित आवेदन करना होगा। 10वीं व 12वीं बोर्ड परीक्षा के दौरान कुछ शिक्षक लापरवाही से उत्तरपुस्तिका जांच करते हैं। इससे विद्यार्थियों के नंबर कम-ज्यादा हो जाते हैं। पुनर्मूल्यांकन में विद्यार्थियों के नंबर बढ़ते हैं तो शिक्षकों पर प्रति नंबर बढऩे पर 100 रुपये का दंड लगाया जाएगा।