भोपाल । कांग्रेस के अनुषांगिक संगठन यानी उसके विभाग के कामकाजों की जल्द ही समीक्षा होने वाली है। पीसीसी ने निर्देश दिए हैं कि जो अध्यक्ष काम नहीं कर रहे हैं और पद लेकर घर बैठ गए हैं उनके स्थान पर सक्रिय कार्यकर्ताओं की नियुक्ति की जाए। ऐसे अध्यक्ष संगठन के निशाने पर हैं वहीं युवक और महिला कांग्रेस जैसे दोनों संगठनों के अध्यक्षों के कामकाज को लेकर भी निगाह रखी जा रही है।
कांग्रेस इस बार 2023 में अपनी जीत के लिए पूरा जोर लगा रही है। पीसीसी अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ खुद कांग्रेस को सक्रिय करने और मजबूत करने में लगे हुए हैं। विधानसभा सत्र के बाद कांग्रेस में बड़े पैमाने पर फेरबदल किया जाना है। जिलाध्यक्षों के साथ-साथ कांग्रेस के विभिन्न विभागों के अध्यक्षों के कामकाज को लेकर भी संगठन द्वारा निगाह रखी जा रही है और निष्क्रिय अध्यक्षों को घर बिठाने या उन्हें दूसरी जवाबदारी देने की तैयारी की जा रही है। कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि जो नेता पद लेकर घर बैठ जाते हैं और पार्टी में समय-समय पर ही नजर आते हैं ऐसे नेताओं को संगठन से बाहर का रास्ता दिखाया जाना चाहिए। इंदौर में भी कुछ विभागों के अध्यक्ष ऐसे हैं जो समय आने पर मुंह दिखाई की रस्म पूरी करते हैं और फिर गायब हो जाते हैं या उन्होंने अपने साथ नए कार्यकर्ताओं को जोडऩे काम तक नहीं किया। कुल मिलाकर कांग्रेस में 32 प्रकोष्ठ हैं। अब उन्हें चुनावी साल में सक्रिय करने के लिए प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ कुछ कड़े कदम उठा सकते हैं।