मां ने  तीन किलोमीटर तक भेड़िए का पीछा करती रही और रास्ते में भेड़िए पर पत्थरों की बौछार भी कर दी। पत्थरों से परेशान हो भेड़िए ने बच्चे को छोड़कर मां को जंगल में दौड़ाया। मां अपने आप को बचाने के लिए भागी, लेकिन कुछ देर के बाद भेड़िया भी वहां से चला गया।

छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले के कोड़ेनार थाना क्षेत्र के ग्राम नैननार पटेलपारा में शुक्रवार की शाम को घर के आंगन में खेल रहे दो वर्षीय बच्चे को एक जंगली भेड़िया उठाकर ले गया। उसके पीछे-पीछे बच्चे को बचाने गई और बच्चे को अस्पताल भी लाई लेकिन वह उसे बचा न सकी।

मामले की जानकारी देते हुए मृतक ईश्वर की मां सुनकी मौर्य ने बताया कि शुक्रवार की शाम को दो साल का ईश्वर अपने बड़े भाई के साथ घर के आंगन में खेल रहा था, जबकि उसकी मां आंगन के दूसरी ओर सब्जी बना रही थी।

शाम करीब 6.00 बजे मां ने बेटे ईश्वर के रोने की आवाज सुनी और बाहर आकर देखा तो एक भेड़िया उसके बच्चे के ऊपर हमला कर रहा था। जब भेड़िए ने मां को देखा तो बच्चे को मुंह में दबाकर जंगल की ओर भागा। बच्चे को ले जाता देख मां भी भेड़िया के पीछे भागी।

वह तीन किलोमीटर तक भेड़िए का पीछा करती रही और रास्ते में भेड़िए पर पत्थरों की बौछार भी कर दी। पत्थरों से परेशान हो भेड़िए ने बच्चे को छोड़कर मां को जंगल में दौड़ाया। मां अपने आप को बचाने के लिए भागी, लेकिन कुछ देर के बाद भेड़िया भी वहां से चला गया।

मां ने किसी तरह रात में करीब दो घंटे तक बच्चे की तलाश की और किसी तरह उसे ढूंढकर अन्य लोगों की मदद से तोकापाल स्वास्थ्य केंद्र ले गई। जहां से उसे मेकाज रेफर किया गया, जहां उपचार के दौरान ईश्वर की मौत हो गई।

इस घटना के बाद गांव में दहशत का माहौल बन गया है, जबकि घर के आसपास रहने वाले परिवार अब अपने बच्चों को रात में निकलने से भी मना कर रहे हैं। मृतक ईश्वर की मां का कहना है कि जंगल में रात ज्यादा होने के कारण ईश्वर उसे मिल नहीं रहा था, लेकिन जब मिला तो लहूलुहान हालत में था। शनिवार को बच्चे के शव का पीएम करने के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया है।