जयपुर। डॉ. मनमोहन सिंह की राज्यसभा से विदाई के बाद पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक पोस्ट की इस पोस्ट में अशोक गहलोत ने लिखा कि यह एक भावपूर्ण क्षण है गहलोत ने कहा कि डॉ. मनमोहन का आर्थिक उदारीकरण, परमाणु समझौता, पारदर्शिता स्थापना जैसे कई मामलों में अहम रोल था. यह हमारा सौभाग्य था कि उन्होंने राज्यसभा में राजस्थान का प्रतिनिधित्व किया।
गहलोत ने पूर्व पीएम मनमोहन सिंह को संबोधित करते हुए कहा कि आपके सानिध्य में कई प्रेरणादायक संस्मरण संचित हैं, मुझे विश्वास है कि अभी भी जन हित के मुद्दों पर आपका मार्ग दर्शन और परामर्श प्राप्त होता रहेगा. पूर्व सीएम ने डॉ. सिंह के उत्तम स्वास्थ्य, सुखी और दीर्घायु जीवन की भी कामना की। भारतीय राजनीति के इतिहास में किसी भी एक राजनीतिक दल से लगातार छह बार राज्यसभा तक जाने वाले डॉ. मनमोहन सिंह अकेले नेता हैं. वो अपने कार्यकाल के दौरान पांच बार असम से और एक बार राजस्थान से निर्वाचित हुए. हर बार डॉ. सिंह का निर्वाचन निर्विरोध रहा, जो कि एक रिकॉर्ड के रूप में देखा जाएगा. हालांकि, राज्यसभा सचिवालय की जानकारी के मुताबिक महेंद्र प्रसाद 7 बार राज्यसभा सदस्य चुने गए हैं, लेकिन वो अलग-अलग पार्टियों से मतदान के जरिए राज्यसभा सांसद रहे हैं। साल 1991 में डॉ. मनमोहन सिंह भारतीय संसद के उच्च सदन राज्यसभा के सदस्य बने. वे लगातार 33 साल तक राज्यसभा के सदस्य के रूप में राजनीति में सक्रिय रहे. 1991 से 1996 तक नरसिम्हा राव सरकार में वित्त मंत्री रहे. वे लगातार राज्यसभा के लिए छह बार निर्वाचित हुए. डॉ. सिंह ने दो बार बतौर प्रधानमंत्री देश की कमान भी संभाली. साल 2004 में 22 मई को उन्होंने पहली बार प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली थी और फिर 22 मई, 2009 को उन्होंने फिर से प्रधानमंत्री का पद संभाला और इस तरह उन्होंने लगातार 10 साल तक देश में प्रधानमंत्री के रूप में अपनी सेवाएं दी. डॉ सिंह को अर्थव्यवस्था में कई साहसिक सुधारों की शुरुआत करने के लिए जाना जाता है।