जयपुर. राजस्थान की धरा अब सोना उगलने की तैयारी में है. मुख्यमंत्री एवं खान व भूविज्ञान विभाग के मंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राजस्थान का माइनिंग विभाग एक माह में ही नया इतिहास रचने जा रहा है. बांसवाड़ा के भूकिया जगपुरा में प्रदेश की पहली सोने की खानों की नीलामी की युद्ध स्तर पर तैयारी की जा रही है. सोने की दो खानों की ई-नीलामी की आवश्यक औपचारिकताएं पूरी होने के साथ ही करीब एक माह में ऑक्शन के लिए भारत सरकार के ई पोर्टल पर निविदा जारी कर दी जाएगी.

नई सरकार बनते ही सीएम भजनलाल शर्मा के मार्गदर्शन में पहले 15 दिन का अवैध खनन गतिविधियों के खिलाफ राज्यव्यापी अभियान चलाकर खनन माफिया पर प्रभावी कार्रवाई की गई. वहीं मेजर और माइनर ब्लॉक्स व आरसीसी ईआरसीसी ठेकों की नीलामी की प्रक्रिया शुरू की गई है. इसके साथ ही करौली सहित आयरन ओर के नए डिपोजिट्स की नीलामी से प्रदेश में औद्योगिक विकास और रोजगार के नए अवसर भी विकसित होंगे.

अब प्रदेश में सोने के खनन की राह प्रशस्त होने जा रही है. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा खान व भूविज्ञान विभाग के मंत्री भी हैं. सीएम भजनलाल शर्मा की पहल से अब राजस्थान गोल्ड माइंस की नीलामी के साथ ही गोल्ड खनन करने वाले प्रदेश के रूप में देश दुनिया के नक्शे पर आ जाएगा. इससे प्रदेश में गोल्ड प्रसंस्करण उद्योग में भी निवेश आ सकेगा.

खान सचिव आनंदी ने बताया कि सीएम भजनलाल शर्मा की ओर से 11 जनवरी को विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान दिये गये निर्देशों के साथ ही विभाग एक्शन मोड में आ गया है. विभाग अवैध खनन पर सख्त कार्रवाई के सथ ही खनिज खोज खनन में तेजी लाने और नए ब्लॉक्स तैयारी कर ई-नीलामी में जुट गया है. बांसवाड़ा के घाटोल तहसील के भूकिया-जगपुरा के 14 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में सोने के विपुल भंडार हैं. भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण विभाग के भू-वैज्ञानिकों की ओर से इस क्षेत्र में तांबे की खोज के लिए किये जा रहे एक्सप्लोरेशन के दौरान यहां पहली बार स्वर्ण के संकेत देखे गये थे.

इस क्षेत्र में व्यापक एक्सप्लोरेशन के बाद 113.52 मिलियन टन स्वर्ण अयस्क का आरंभिक आकलन किया गया है. इसमें सोने के धातु की मात्रा 222.39 टन आंकी गई है. यहां स्वर्ण अयस्क के खनन के दौरान एक मोटे अनुमान के अनुसार एक लाख 74 हजार टन से अधिक कॉपर, 9700 टन से अधिक निकल और 13500 टन से अधिक कोबाल्ट खनिज प्राप्त होगा. राज्य सरकार के राजस्थान स्टेट मिनरल एक्सप्लोरेशन ट्रस्ट आरएसएमईटी द्वारा ऑक्शन के लिए दोनों ब्लॉक को अंतिम रूप दिया जा रहा है.

भूकिया जगपुरा में गोल्ड की इन खानों से सोने के साथ ही प्रचुर मात्रा में कॉपर, निकल और कोबाल्ट खनिज प्राप्त होगा. इससे देश और प्रदेश में इलेक्ट्रोनिक, पेट्रोलियम, पेट्रोकेमिकल, बैटरी और एयर बैग सहित कई उद्योगों में नए निवेश के साथ ही प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अप्रत्याशित अवसर विकसित होंगे. कॉपर इण्डस्ट्रीज के साथ ही कॉपर का इलेक्ट्रोनिक क्षेत्र में कच्चे माल की उपलब्धता बढ़ेगी.


वहीं निकल से बैटरी उद्योग, सिक्कों की ढ़लाई, इलेक्ट्रोनिक उद्योग आदि को बूम मिलेगा. कोबाल्ट एयर बैग, पेट्रोकेमिकल उद्योग आदि में उपयोग आ सकेगा और इनके कच्चे माल की आपूर्ति के लिए विदेशों पर निर्भरता कम होगी. प्रदेश में कॉपर, निकल और कोबाल्ट से जुड़ी इण्डस्ट्रीज के नए निवेश से राजस्व और प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रोजगार के विपुल अवसर विकसित होंगे.

उल्लेखनीय है वर्तमान में सरकारी क्षेत्र में कर्नाटक में हुट्टी गोल्ड माइंस कंपनी द्वारा गोल्ड का खनन किया जा रहा है. कर्नाटक के ही कोलार गोल्ड फील्ड में काम हो रहा है. निजी क्षेत्र में मुन्द्रा ग्रुप की रामा माइंस की ओर से इस क्षेत्र में एक्सप्लोरेशन और माइनिंग का कार्य किया जा रहा है. आंध्र प्रदेश में डेक्कन गोल्ड माइंस द्वारा गोल्ड प्रोजेक्ट पर काम किया जा रहा है. देश में सर्वाधिक स्वर्ण भंडार बिहार में हैं. वहीं राजस्थान में देश के करीब 25 प्रतिशत स्वर्ण भंडार माने जा रहे हैं.