कोल्हान विवि में पढ़ रहे छात्रों का कुछ यही हाल है। विश्वविद्यालय द्वारा जारी डिग्री को अमान्य किया जा रहा है। इससे विद्यार्थियों की मुश्किलें बढ़ने लगी है। विश्वविद्यालय की इस गलती के कारण कोई नौकरी पाने से वंचित रह सकता है तो किसी की नौकरी भी जा सकती है।

च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम प्रणाली को कोल्हान विश्वविद्यालय ने सबसे पहले अपनाया था। मुश्किल तब खड़ी हो गई जब विश्वविद्यालय ने विषय चयन में गलती कर दी। इस वजह से विद्यार्थियों को जहां दो जेनेरिक पेपर की पढ़ाई करनी थी। वहां सिर्फ एक ही विषय पढ़कर विद्यार्थियों को उत्तीर्ण होने का प्रमाण पत्र भी जारी कर दिया गया।

ऐसे हुआ गलती का एहसास

सत्र 2017 से लेकर 2022 तक से नई प्रणाली के तहत कोल्हान विश्वविद्यालय में स्नातक में नामांकन लिया गया था। यूजीसी नियम के तहत इन तीन सालों में दो जेनेरिक पेपर पढ़ना अनिवार्य था।

भूलवश एक ही जेनेरिक पेपर के विषयों को चारों सेमेस्टर में पढ़ाया गया। विश्वविद्यालय को इसकी जानकारी तब हुई, जब प्रतियोगी परीक्षा में फॉर्म भरने से रोका गया। अब सर्टिफिकेट अमान्य होने के कारण कई की नौकरी पर तलवार लटक रही है।

जेनेरिक विषय की परीक्षा कराने की मांग

अब छात्र जेनेरिक विषय की विशेष परीक्षा कराने की मांग कर रहे हैं। मंगलवार को इसी मांग को लेकर कोल्हान छात्र संघ ने विधायक समीर मोहंती के पास शिकायत लेकर पहुंचे।

प्रतिनिधिमंडल में कोल्हान विश्वविद्यालय छात्र संघ उपसचिव बिरेंद्र कुमार, अनंत कुमार भद्र, विद्युत शाह, अभिषेक साहू, सागर बाला, दुआ आरिज व अन्य मौजूद थे।