जयपुर । राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेस में कहा कि सचिन पायलट और वे टिकट के सभी फैसलों में शामिल हैं। उन्होंने कहा कि हम सारे मतभेद भुला चुके हैं। पायलट के समर्थकों के सारे टिकट क्लियर हो रहे हैं, मैंने एक भी सीट को लेकर ऑब्जेक्शन नहीं किया।
राजस्थान में फिर से कांग्रेस सरकार बनने की स्थिति में क्या वापस गहलोत सीएम होंगे? इस सवाल पर गहलोत ने कहा कि कांग्रेस में कभी मुख्यमंत्री का उम्मीदवार नहीं बनना चाहिए। जो उम्मीदवार बनता है, वो कभी सीएम नहीं बनता है। मैं जब सीएम बना तो उस समय मैं उम्मीदवार नहीं था। मुझे सोनिया गांधी ने चुना। मैं पहले भी कह चुका हूं कि सीएम पद छोडऩा चाहता हूं, लेकिन यह पद मुझे नहीं छोड़ रहा और यह छोड़ेगा भी नहीं। कुछ तो कारण होंगे कि हाईकमान और गांधी परिवार मुझ पर इतना विश्वास जता रहे हैं।
मेरे कारण वसुंधरा को सजा न मिले
वसुंधरा राजे के समर्थक विधायकों और नेताओं के टिकट कटने के सवाल पर गहलोत ने कहा वसुंधरा को मेरे कारण सजा नहीं मिलनी चाहिए, यह उनके साथ अन्याय होगा। मेरी सरकार जब गिर रही थी तो कैलाश मेघवाल ने बयान दिया कि राजस्थान में इस तरह सरकार गिराने की परंपरा नहीं रही है। उन्होंने पुराना उदाहरण दिया था कि जब भैरोसिंह शेखावत मुख्यमंत्री थे और वो इलाज के लिए अमेरिका गए थे। पीछे से उनके कुछ नेता सरकार गिराना चाहते थे। मेरे पास कुछ नेता आए कि सरकार गिराने में सहयोग कीजिए। मैंने साफ मना कर दिया। उस समय प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव और राज्यपाल बलिराम भगत थे। मैंने उन्हें भी कहा था कि सरकार गिराने में सहयोग करना उचित नहीं होगा। गहलोत ने कहा- कैलाश मेघवाल को इस बात की जानकारी थी। जब सियासी संकट आया तो उन्होंने कह दिया कि हमारे यहां इस प्रकार सरकार गिराने की परंपरा कभी नहीं रही। मैंने गलती से धौलपुर में कह दिया कि मेरी सरकार जब संकट में थी तो वसुंधरा की भावना यह थी। मीडिया में थोड़ा फ्लेवर लग जाता है।