सितंबर भी गुजरने को आया, श्री महाकाल महालोक के दूसरे चरण के काम अधूरे
उज्जैन । पहले जून, फिर जुलाई, अगस्त और अब सितंबर माह भी बीतने को आ गया। पर उज्जैन में महाकाल महालोक योजना के दूसरे चरण के पूरे न हुए। अक्टूबर की शुरुआत में विधानसभा चुनाव आचार संहिता लागू होने का अनुमान है। इस बीच कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने महाकाल महालोक योजना-2 सहित पूर्णता की कगार पर आए समस्त कार्य 5 अक्टूबर तक पूरे कराने के निर्देश दिए हैं। ये काम मुश्किल है फिर भी कुछ बेहतर कर दिखाने को ठेकेदारों ने ताकत झोंक दी है।
450 करोड़ रुपये के निर्माण कार्य
महाकालेश्वर मंदिर के आसपास आकार लिए 450 करोड़ रुपये के निर्माण कार्यों (महाकालेश्वर अन्न क्षेत्र, चिंतन वन, नीलकंठ वन, शिखर दर्शन, महाराजवाड़ा भवन उन्नयन , आपातकालीन प्रवेश-निर्गम परियोजना) का लोकार्पण अगले 10-15 दिनों के भीतर हो सकता है।
ये काम अगले साल पूरे होने की उम्मीद
रूद्रसागर पर पैदल पुल का निर्माण, नीलकंठ वन पहुंच मार्ग पर बनाई दीवार पर शैल चित्र लगाने का काम अगले वर्ष ही पूर्ण होने की उम्मीद है। यह भी स्पष्ट है कि जिन कार्यों का लोकार्पण अगले 10-15 दिन में कर भी दिया तो भी उनके फिनिशिंग स्तर का काम लोकार्पण के बाद ही हो पाएगा।
11 अक्टूबर 2022 को हुआ था मूर्तियों का अनावरण
मालूम हो कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले साल 11 अक्टूबर 2022 को महाकाल महालोक के साथ पहले स्थापित सप्त ऋषियों की मूर्तियों का अनावरण किया था। उन्होंने 1174 करोड़ रुपये की ‘श्री महाकाल महालोक योजना’ के प्रथम चरण में 395 करोड़ रुपये से बड़ा रूद्रसागर किनारे स्थापित देवी-देवताओं की विशाला मूर्तियों एवं सनातन धर्म, संस्कृति के दर्शन कराती भव्य दीवार का लोकार्पण किया था।
22 कार्य शुरू कराए थे, मगर 19 ही आगे बढ़ पाए।
दूसरे चरण में 779 करोड़ रुपये के स्वीकृत 22 कार्य शुरू कराए थे मगर 19 ही आगे बढ़ पाए। सारे कार्य अनुबंध अनुसार सितंबर-अक्टूबर तक पूर्ण कराने का अनुबंध हुआ और निर्देश ये दिए जाते रहे कि हर हाल में काम जून तक पूरे करवा लिए जाएं। निर्देश अनुसार काम न होने पर फिर डेडलाइन जुलाई, अगस्त, सितंबर तक बढ़ागई। बावजूद काम गति न पकड़ पाए। इसके कई कारण रहे। प्रमुख तौर पर ड्राइंग-डिजाइन न मिलना, श्रावण मास में श्रद्धालुओं की अप्रत्याशित भीड़ से काम करने में असहजता और सतत वर्षा होना रहे।
यह भी जानिये
रूद्रसागर सागर किनारे बनाई ध्यान कटी का नामकरण पौराधिक आधार पर रखने को कहा था, मगर अब तक नाम तय नहीं हुआ।
महाकाल मंदिर की पश्चिम दिशा में देवास धर्मशाला की ओर आपातकालीन प्रवेश द्वार का निर्माण पूर्ण करने के निर्देश दिए थे।
महाकाल मंदिर पहुंच के लिए सरस्वती शिशु मंदिर वाला मार्ग, बड़ा गणेश मंदिर वाला मार्ग, गंगा गार्डन से नृसिंह घाट को जोड़ने वाला मार्ग और महाकाल चौराहे का मार्ग का निर्माण पूर्णता की ओर है।
ये काम चालू कराने पर चर्चा तक नहीं
इंदौर गेट रेलवे स्टेशन से महाकाल महालोक तक आने-जाने के लिए 209 करोड़ रुपये से रोप-वे बनाना।
बड़े रूद्रसागर में पानी की स्क्रीन तैयार कर उस पर ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर के प्राकट्य और उज्जयिनी की गौरव गाथा सुनाने को 32 करोड़ लागत का लेजर लाइट एंड साउंड सिस्टम लगाने का काम।
रामघाट को पुरातन स्वरूप में निखारने पर लगी रोक हटाकर 13 करोड़ रुपये का स्वीकृत काम आगे बढ़ाने का काम।