उदयपुर। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने आईआईएम उदयपुर में विजिटिंग प्रोफेसर का दायित्व निभाते हुए छात्रों को पढ़ाया और साथ ही रिसर्च और ट्रेनिंग से संबंधित दो शैक्षणिक गतिविधियों में भी हिस्सा लिया।

उन्होंने 'द नेसिसिटी एंड पिटफॉल्स ऑफ रैंकिंग मैनेजमेंट इंस्टीट्यूशंस - द एनआईआरएफ एक्सपीरियंस' पर एक शोध भी प्रस्तुत किया।

 
एचआर क्षेत्र में आईआईएम उदयपुर में पूर्णकालिक संकाय सदस्य प्रोफेसर कुणाल कुमार ने स्मृति ईरानी को गेस्ट फेकल्टी के रूप में आईआईएम उदयपुर में आमंत्रित किया था। उन्होंने बताया कि इस शोध में स्मृति ईरानी मुख्य लेखक के रूप में रहीं और सह-लेखक के रूप में स्वयं प्रोफेसर कुणाल कुमार व आईआईएम बेंगलूरु के प्रोफेसर सुशांत मिश्रा रहे। अपने शोध में उन्होंने ऐसे नेशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क का महत्व प्रतिपादित किया जो भारत की विशाल क्षेत्रीय और भाषाई विविधता का ख्याल रखता है और सामाजिक-आर्थिक रूप से वंचित लोगों की देखभाल करने के लिए संस्थानों को पुरस्कृत करता है। शोध पत्र की प्रस्तुति में फ्रेमवर्क की जरूरत, और इसके उद्देश्यों तथा इसकी वर्तमान चुनौतियों को स्पष्ट किया गया।

 

इससे पूर्व, बुधवार को केंद्रीय मंत्री ईरानी ने एमबीए प्रोग्राम के छात्रों के लिए एचआर वर्ग के लिए 'जॉब एनालिसिस' विषय पर सेशन भी लिया। उन्होंने आईआईएम उदयपुर के प्रमुख एमबीए प्रोग्राम के कोर कोर्स ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट में तीन बैक-टू-बैक सत्र लिए। उन्होंने हार्वर्ड बिजनेस स्कूल के मामले 'क्लबमेड' पर चर्चा की। उन्होंने कक्षा को चार मुख्य बिंदुओं पर केंद्रित किया। उन्होंने कहा कि करो, चर्चा करो, वाद-विवाद करो और विचार-विमर्श करो। सेशन के आखिर में विद्यार्थियों ने एक मंत्री के जॉब का एनालिसिस भी किया। आईआईएम उदयपुर ने महीने भर चलने वाली गतिविधियों की एक श्रृंखला के साथ अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस समारोह की शुरुआत भी की। केंद्रीय कैबिनेट मंत्री स्मृति ईरानी ने इस कार्यक्रम का उद्घाटन भी किया।