नीमच से राजेश भंडारी

मुमुक्षु अंजलि  बनी , साध्वी अनादि प्रिया श्री जी महाराज साहब
 
ऐतिहासिक दीक्षा समारोह में उमड़े श्रद्धालु 

नीमच  -   संयम दीक्षा बिना  आत्म कल्याण नहीं हो सकता है।संयम जीवन में परमात्मा की आज्ञा का पालन करने से जन्मो जन्मो तक के कर्मों का बंधन का अंत हो जाता है। संयम जीवन में आत्मा का कल्याण होता है । संयम जीवन के मार्ग को स्वीकार करना बहुत कठिन निर्णय है। परमात्मा की आज्ञा को सर्वोपरि मानना चाहिए।और महावीर की पथरीली राहों पर चलने के लिए रजौहरण को स्वीकार करना आत्म कल्याण का सर्वश्रेष्ठ माध्यम है। अंजलि का आत्मविश्वास बहुत मजबूत है उसने शेरनी बन कर महावीर की पथरीली राह संयम मार्ग को स्वीकार किया है ।गुरु की वाणी  को अपने जीवन के अंतिम समय तक शिरोधार्य करने का संकल्प लिया है जो संसार के  श्रावक श्राविकाओं के लिए आदर्श प्रेरणा का विषय है।यह बात आचार्य  श्री विश्व रत्न सागर सुरीश्वर जी महाराज  साहब ने कही ।वे श्री जैन श्वेतांबर भीड़ भंजन पार्श्वनाथ मंदिर ट्रस्ट श्री संघ नीमच के तत्वावधान में आयोजित अष्टानिका महोत्सव की श्रृंखला में जैन भवन के समीप मिडिल स्कुल मैदान में शुक्रवार सुबह आयोजित धर्म सभा में उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए बोल रहे थें ।उन्होंने कहा कि अंजलि से अनादि बनने के बाद साध्वी संयम जीवन में आगे बढ़ते हुए सकल श्री संघ के साथ मिलकर  समाज और राष्ट्र के कल्याण के लिए सदैव प्रयास करना है। लोगों को धर्म अध्यात्म के मार्ग में जोड़कर उनके आत्म कल्याण का सेवा कार्य को ही जीवन का लक्ष्य बनाना होगा।गुरु शिष्य परंपरा  परिवार नगर और राष्ट्र का नाम गौरवान्वित करना है। इस अवसर पर मुमुक्षु अंजलि ने  नवकार मंत्र का उच्चारण कर सभी को मांगलिक श्रवण करवा कर आशीर्वाद प्रदान किया और उन्होंने जीवन पर्यंत माइक निषेध , वाहन को त्याग कर पैदल विहार, जीव दया कर असत्य नहीं बोलना चोरी नहीं करना विषय वासना से दूर रहना ,ब्रह्मचर्य पालन करना ,गुरु आज्ञा से अधिक कुछ नहीं करना, रात्रि भोज , मोबाइल ,फेसबुक ,टि्वटर, मित्र, आधार कार्ड का त्याग करना, अनवरत संयम जीवन का पालन करना आदि प्रतिज्ञा का संकल्प लिया।और उसे जीवन पर्यंत पालन करने का वचन प्रदान किया।आज समाज को धर्म अध्यात्म शिक्षा और  की आवश्यकता है।राष्ट्र संत कमलमुनि कमलेश ने कहा कि महावीर एक थे हम भी एक हैं समाज को बिखेरने वाले लोगों का साथ नहीं दे समाज को संगठित करने वालों को आगे प्रोत्साहित करें तभी समाज प्रगति करेगा।अहिंसा और गोरक्षा को जीवन में आत्मसात करें तो जीवन सफलता की शिखर की ओर आगे बढ़ सकता है। मध्य प्रदेश की 70 जेलों में गौशाला शुरू हो गई है 6 मार्च को नीमच की कनावटी जेल में भी गौशाला का शुभारंभ  हो रहा है।अहिंसा से विश्व को शांति प्रदान की जा सकती है। उत्तम रत्न सागर जी महाराज ने कहा कि विश्व में एकमात्र ऐसा जैन धर्म है जिसमें संत अपने स्वयं  कैश लोचन करते हैं।मुमुक्षु अंजलि ने संसार के रंग को छोड़कर धर्म अध्यात्म  के रंग को आत्मसात कर लिया है।अंजलि ने  संसार का वेश छोड़कर साध्वी वेश अपना लिया है और आत्म कल्याण के मार्ग की ओर आगे कदम बढ़ा दिए।
 धर्म सभा में उज्जवल रत्न सागर महाराज ने कहा कि संयम बिना मुक्ति नहीं मिल सकती हैं।
अखे सिंह कोठारी ने पुस्तक बाजार में नवनिर्मित नूतन आराधना भवन के लोकार्पण कार्यक्रम में पधारने की सभी से विनती की। इस अवसर पर मुमुक्षु अंजलि का नामकरण मोर पंख पर अंकित पर्दा हटा कर अनादि प्रिया श्री जी महाराज साहब के रूप में किया गया। श्री भीड़ भंजन पार्श्वनाथ पार्श्वनाथ मंदिर ट्रस्ट के सचिव मनीष कोठारी ने अपने 45वें जन्मदिन के उपलक्ष में ₹45000 जीव दया हेतु गौशाला में प्रदान करने की घोषणा की।  डीग व बडोद श्री संघ के पदाधिकारियों द्वारा मुक्ति प्रिया श्री जी महाराज साहब के चातुर्मास के लिएआचार्य श्री से  विनती की गई।
श्री संघ अध्यक्ष अनिल नागौरी ने कहा कि विश्वरत्न सागर जी महाराज का चातुर्मास की विनती विदेश दुबई, बैंकॉक के समाज जन भी कर रहे हैं। दीक्षा महोत्सव में सभी का सहयोग उल्लेखनीय रहा है सभी के सहयोग से ही यह महोत्सव सानंद संपन्न हुआ है।नीमच श्री संघ को नया इतिहास बनाने का स्वर्णिम अवसर आचार्य विश्व रत्न सागर जी महाराज के आशीर्वाद से मिला है।