झारखण्ड | गुमला सदर अस्पताल में शुक्रवार की रात कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय की आठवीं की छात्रा मां बनी। विद्यालय में पेट दर्द की शिकायत पर उसे सदर अस्पताल ले जाया गया, जहां उसने एक बच्ची को जना। घटना की सूचना के बाद महकमा में हड़कंप मच गया। लोग गढ़वा की घटना को याद करने लगे। जब मामले की पड़ताल की गई, तब अधिकारियों ने राहत की सांस ली।

घटना की जानकारी मिलने के बाद विद्यालय प्रबंधन, शिक्षा विभाग, बाल कल्याण समिति, पुलिस प्रशासन सकते में आ गए। जब जांच में पता चला कि बच्ची का विद्यालय में जिस वक्त नामांकन हुआ था उससे पहले ही वह गर्भवती थी। ठंड के दिनों में गर्म वस्त्र पहनने के कारण पता नहीं चल रहा था।बच्ची के साथ गांव में रिश्‍ते में चाचा लगने वाले जिस शख्‍स के साथ प्रेम प्रसंग था उसे लेकर गांव में कई बैठकें हो चुकी थीं।

ग्रामीणों ने बच्ची को गांव से दूर भेजने के लिए विद्यालय में नामांकन कराया था। लेकिन विद्यालय प्रबंधन से इस बात को छिपाया गया कि बच्ची गर्भवती है।डीईओ सुशील शेखर कुजूर की अध्यक्षता में चार सदस्यीय टीम ने कस्तूरबा में घटित घटना के बारे में जानकारी हासिल की। उन्‍होंने कहा कि छात्रा अगस्त माह में कस्तूरबा में नामांकन कराया था। गांव के अपने रिश्तेदार से ही उसका शारीरिक संबंध था।

इसी वर्ष सितंबर माह में उसका नामांकन हुआ था।सीडब्ल्यूसी ने भी मामले का संज्ञान लिया और बाल कल्याण समिति के सदस्य सदर अस्पताल के प्रसव कक्ष में पीड़िता से पूछताछ की। पूछताछ के बाद बताया कि फिलहाल नवजात और उसकी मां दोनों ही सीडब्ल्यूसी के संरक्षण में रहेंगे।