राजस्थान सरकार ने आदेश जारी कर प्रदेश की सभी नगरीय निकाय (नगर निगम, नगर परिषद और नगर पालिका) के मुखिया के मासिक भत्ते बढ़ा दिए हैं। भत्तों में 20 फीसदी तक बढ़ोतरी की गई है। एक साल में यह दूसरा मौका है, जब सरकार ने निकाय प्रमुखों के भत्ते बढ़ाए हैं।

सरकार की ओर से निकाले गए नए नोटिफिकेशन के तहत अब नगर निगम में मेयर को 27,600 रुपये, नगर परिषद में अध्यक्ष को 16,560 रुपये और नगर पालिका में चेयरमैन को 10,350 रुपये मिलेंगे। राज्य सरकार के इस निर्णय को चुनावी मोड के तहत लिया गया फैसला माना जा रहा है,

क्योंकि निकाय प्रमुख के भत्तों को बढ़ाए अभी पूरा एक साल भी नहीं हुआ है। चुनाव का समय है और वर्तमान में 230 से ज्यादा नगरीय निकाय हैं। निकाय प्रमुख भी विधानसभा चुनाव में अहम भूमिका निभाते हैं।

अभी प्रदेश में नगर निगम में मेयर को 24,000 रुपये, नगर परिषद में अध्यक्ष को 14,400 रुपये और नगर पालिका में चेयरमैन को 9,000 रुपये बतौर मासिक भत्ता मिलता है।  गहलोत सरकार ने ही नगरीय निकाय के प्रमुखों के भत्ते पिछले साल मई में बढ़ाए थे। तब राज्य सरकार ने 25 मई को आदेश जारी कर भत्ते 15 से लेकर 20 फीसदी तक बढ़ाए थे। उस समय निकाय प्रमुखों ने भत्ते बढ़ाने की मांग की थी, जिसके बाद मुख्यमंत्री ने अपने बजट में इसे बढ़ाने का एलान किया था।

चुनाव से पहले जनप्रतिनिधियों की मिजाजपुर्सी...
चौंकाने वाली बात यह है कि अबकी बार भत्ते बढ़ाने की ऐसी कोई बड़ी मांग नहीं थी, लेकिन सरकार ने खुद ही आगे बढ़कर भत्ते बढ़ा दिए। जनप्रतिनिधियों के इस तरह भत्ते बढ़ाए जाने को सीधे तौर पर चुनाव से पहले मान-मनोव्वल और मिजाजपुर्सी के रूप में देखा जा रहा है।