पंजाब | नशा तस्करी के मामले में 2003 में दोषी करार दिए गए जगतार सिंह को आखिरकार 20 साल के लंबे इंतजार के बाद इंसाफ मिला है। पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने उसे दोषमुक्त करार दे दिया है। अपने आदेश में हाईकोर्ट ने हरियाणा पुलिस की जांच के रवैए पर सवाल उठाते हुए फटकार भी लगाई है।याचिका दाखिल करते हुए जगतार सिंह ने बताया कि उसको एनडीपीएस के मामले में दोषी करार देते हुए कैथल की ट्रायल कोर्ट ने 10 साल की सजा सुनाई थी। याची ने कहा कि वह बेकसूर है और ऐसे में ट्रायल कोर्ट के आदेश को खारिज किया जाए।

पुलिस के अनुसार उन्हें गुप्त सूचना मिली थी कि याची के पास नशे की सामग्री मौजूद है और इसी आधार पर उन्होंने याची को गिरफ्तार किया।हाईकोर्ट ने रिकार्ड को देखा तो पुलिस की जांच पर सवालिया निशान लगाते हुए पुलिस को फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में पुलिस ने गुप्त सूचना के बारे में वरिष्ठ अधिकारियों को जानकारी नहीं दी। साथ ही तलाशी लेते वक्त किसी स्वतंत्र गवाह को शामिल नहीं किया जबकि पुलिस के पास पूरा समय था। जांच के लिए केवल एक सैंपल भरा गया जबकि नियम के अनुसार दो सैंपल भरने जरूरी होते हैं। ऐसे में पुलिस की जांच में पूरी तरह से लापरवाही दिखाई दी। इन सभी चूक को अधार बनाते हुए पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के फैसले को खारिज करते हुए याचिकाकर्ता को बरी करने का आदेश दिया है।