नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि वह 9 मई 2023 को मैरिटल रेप के अपराधीकरण के संबंध में कई याचिकाओं पर सुनवाई करेगा। वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह ने मुख्य न्यायाधीश डी.वाई.चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष मामले का उल्लेख किया। 
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि केंद्र का जवाब तैयार है, इसकी जांच की जानी है, और कहा कि वह डेढ़ दिन तक इस मामले पर बहस करने वाले हैं, क्योंकि यह एक महत्वपूर्ण मुद्दे से संबंधित है। पीठ ने कहा, इस 9 मई, 2023 को सूचीबद्ध करें। 16 जनवरी को, सुप्रीम कोर्ट ने मैरिटल रेप के अपराधीकरण की मांग करने वाली याचिकाओं पर केंद्र सरकार से जवाब मांगा था। पिछले साल मई में,मैरिटल रेप के अपराधीकरण पर विभाजित विचार व्यक्त करने वाले दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले के बाद, भारतीय दंड संहिता की धारा 375 के अपवाद को चुनौती देकर सुप्रीम कोर्ट में एक अपील दायर की गई थी।
साथ ही, पिछले साल जुलाई में, सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले पर रोक लगा दी थी, इसमें एक पति को अपनी पत्नी से कथित रूप से बलात्कार करने के मुकदमे की अनुमति दी थी। मई में, शीर्ष अदालत ने कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ पति की याचिका पर नोटिस जारी किया था। हालांकि, उसने तब उच्च न्यायालय के फैसले और मुकदमे की कार्यवाही पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। मैरिटल रेप के अपराधीकरण की मांग को लेकर शीर्ष अदालत में याचिकाएं भी दायर की गई हैं।