भोपाल| मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के तेवर लगातार तल्ख होते जा रहे हैं और उनके निशाने पर वे अधिकारी हैं जिन के कामकाज से हितग्राहियों को परेशानी हो रही है और सरकार की छवि पर असर पड़ रहा है।

मुख्यमंत्री चौहान ने बुधवार को श्योपुर जिले की समीक्षा बैठक की, इस बैठक के दौरान उन्होंने राशन वितरण से जुड़ी गलत जानकारी देने पर खाद्य अधिकारी को निलंबित कर दिया। मुख्यमंत्री ने वर्चुअल मीटिंग में अधिकारियों से सीधे सवाल किए और राज्य तथा केंद्र सरकार की योजनाओं के सिलसिले में विस्तार से सवाल किए। इस दौरान उन्होंने यहां तक कहा जो अधिकारी काम के बदले दाम मांगे उन्हें नौकरी से बाहर कर दिया जाए, राशन वितरण में गड़बड़ी करने वालों को किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ा जाएगा।

इस बैठक में मुख्यमंत्री चौहान ने कहा, राशन आपके ग्राम के तहत 4 गाड़ियां संचालित हैं। मेरे पास जो शिकायतें हैं उनमें उचित मूल्य की दुकान नियमित नहीं खुल रहीं। इस पर कलेक्टर ने बताया कि 'राशन वितरण मामले में लापरवाही के मामले में 11 प्राथमिकी दर्ज की गई हैं। पेनाल्टी भी लगाई गई है। इस मामले में चार गिरफ्तारी भी हुई हैं।

इस पर मुख्यमंत्री ने कहा बांकी पर भी कार्रवाई तीव्र गति से करो। इसको बहुत गंभीरता से लो। राशन में गड़बड़ करने वाले को हम नहीं छोड़ेंगे। इस दौरान पुलिस अधीक्षक ने बताया कि, चावल से भरे दो ट्रक पकड़े गए हैं। कल कार्रवाई की गई है। खाद्य अधिकारी गलत तथ्य प्रस्तुत न करें। गरीबों तक सही तरीके से राशन पहुंचे, ये हमारी जिम्मेदारी है। इसलिए डीएसओ को मैं अभी सस्पेंड करता हूं।

इससे पहले भी मुख्यमंत्री के तेवर तल्ख दिख चुके हैं, अभी हाल ही में उन्होंने डिंडोरी जिले के हिनोता ग्राम पंचायत के जोगी टिकरिया गांव में आयोजित शिविर में उज्जवला का टारगेट पूरा न होने पर जिला खाद्य अधिकारी टी आर अहिरवार को मंच से ही निलंबित कर दिया था। झाबुआ में मिली शिकायत पर जनसभा के दौरान डीएसओ को निलंबित करने का ऐलान किया था।