मुंबई : मुख्यमंत्री पद गंवाने वाले शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता उद्धव ठाकरे का अब पार्टी प्रमुख पद भी खतरे में है। 23 जनवरी को उनका शिवसेना अध्यक्ष पद का कार्यकाल खत्म हो रहा है।

उद्धव और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गुट के बीच शिवसेना पर नियंत्रण की लड़ाई चल रही है। दोनों गुट असली शिवसेना होने का दावा कर रहे हैं। शुक्रवार को चुनाव आयोग में सुनवाई के दौरान उद्धव गुट के वकील ने पार्टी में आंतरिक चुनाव कराने या यथास्थिति बनाए रखने का अनुरोध किया, लेकिन आयोग ने इस पर चुप्पी साध रखी है। आयोग ने दोनों गुटों से 30 जनवरी तक लिखित दलीलें पेश करने को कहा है। बाल ठाकरे के निधन के बाद उद्धव 2013 में और उसके बाद 2018 में शिवसेना प्रमुख बने थे। शिंदे गुट ने चुनाव आयोग में दलील दी है कि बाल ठाकरे के बाद पार्टी का कोई प्रमुख है ही नहीं।