हरियाणा सरकार किसानों को सूरजमुखी की फसल की भावांतर राशि बढ़ाकर देने पर विचार कर रही है। इसके लिए कृषि विभाग के अधिकारियों को खुले बाजार में सूरजमुखी के दामों पर निगाह रखने को कहा गया है।

बाजार में एक पखवाड़े तक सूरजमुखी के रेट के उतार-चढ़ाव पर निगाह रखने के बाद अधिकारी अपनी रिपोर्ट सरकार को देंगे, जिसके आधार पर भावांतर भरपाई की राशि में बढ़ोतरी संभव है। हरियाणा सरकार फिलहाल सूरजमुखी उत्पादक किसानों को एक हजार रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से भावांतर भरपाई दे रही है।

मेरी फसल-मेरा ब्योरा पोर्टल पर अपना पंजीकरण करा रखा है

ऐसे किसान जिन्होंने सूरजमुखी की फसल की बिक्री के लिए मेरी फसल-मेरा ब्योरा पोर्टल पर अपना पंजीकरण करा रखा है, उनके खातों में पहले ही डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के तहत एक हजार रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से भिजवाया जा रहे हैं।

प्रदेश सरकार यदि इस राशि में बढ़ोतरी करती है तो उन किसानों को भी बढ़ी हुई भावांतर राशि का लाभ मिलेगा, जो पूर्व में अपनी फसल बेच चुके हैं। हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जेपी दलाल ने सूरजमुखी की फसल के लिए भावांतर राशि में बढ़ोतरी के संकेत दिए हैं। राज्य में करीब 80 लाख एकड़ जमीन में खेती होती है, लेकिन इसमें से सिर्फ 50 हजार एकड़ में सूरजमुखी की फसल का उत्पादन होता है।

सूरजमुखी के दाम 6760 रुपये क्विंटल कर दिए

जीटी रोड बेल्ट पर कुरुक्षेत्र जिले में सबसे अधिक सूरजमुखी का उत्पादन होता है। सूरजमुखी की फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य 6400 रुपये प्रति क्विंटल है, लेकिन बुधवार को केंद्र सरकार ने 360 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी करते हुए सूरजमुखी के दाम 6760 रुपये क्विंटल कर दिए हैं।

आंदोलनकारी किसानों का कहना है कि प्रदेश सरकार ने अभी तक एमएसपी पर सूरजमुखी की खरीद आरंभ नहीं की, जिस कारण उन्हें खुले बाजार में 3800 से 4500 रुपये क्विंटल तक के दामों में अपनी फसल बेचनी पड़ रही है। इसमें भावांतर भरपाई के एक हजार रुपये भी मिला दिए जाएं तो यह राशि एमएसपी के निकट नहीं पहुंचती।

किसानों ने अपनी इस मांग को लेकर जब आंदोलन किया तो सरकार को हाई कोर्ट के आदेश पर बल प्रयोग कर हाईवे खुलवाना पड़ा।

50 हजार एकड़ में फसल की जाती है पैदा

किसान अपना आंदोलन खत्म कर सरकार पर भरोसा रखें - जेपी दलाल उत्तरी क्षेत्र में कोई भी राज्य सूरजमुखी की फसल की एमएसपी पर खरीद नहीं करता।

हरियाणा अकेला ऐसा राज्य है, जो अपने प्रदेश के किसानों के हितों को लेकर चिंतित रहता है। प्रदेश में 50 हजार एकड़ में सूरजमुखी की फसल तीसरी फसल के रूप में पैदा की जाती है। किसान को किसी तरह की दिक्कत नहीं आए, इसलिए हमने एडवांस में ही एक हजार रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से डीबीटी से किसानों के खाते में पैसे भेज दिए थे।

सरकार का किसान हितैशी फैसला

यह मुख्यमंत्री मनोहर लाल की सरकार का किसान हितैषी फैसला है। सरकार की मंशा है कि कुछ दिन बाजार में सूरजमुखी के भाव को देखा जाए। जो भाव स्थिर होगा, उसके आधार पर भावांतर की नई राशि तय कर दी जाएगी। हमारी सरकार लगातार किसान हित में फैसले ले रही है।

किसानों को यह समझना होगा कि उनके नाम पर जो लोग राजनीति कर रहे हैं, वह वास्तव में किसानों के कितने हितैषी हैं। हाईवे जाम करना किसी समस्या का समाधान नहीं है। हरियाणा सरकार हमेशा किसानों के साथ है और हम किसान हित के फैसले करते रहेंगे। हमसे बेहतर किसान हितैषी फैसले कोई भी प्रदेश सरकार नहीं कर सकती।

मैं किसानों से हाथ जोड़कर अपील करता हूं कि वह राजनीति करने वालों से सावधान रहें और अपना आंदोलन खत्म कर सरकार पर भरोसा रखें। - जेपी दलाल, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री, हरियाणा सरकार