राजस्थान : आमजन की आस्था और जनप्रतिनिधियों की मांग को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 28 जनवरी शनिवार को भगवान देवनारायण की जयंती पर राजकीय अवकाश घोषित किया है। जयंती को लेकर अवकाश की मांग काफी समय से उठ रही थी। इस संबंध में देवनारायण बोर्ड के अध्यक्ष जोगेन्द्र सिंह अवाना, उद्योग मंत्री शकुन्तला रावत और खेल राज्य मंत्री अशोक चांदना सहित विभिन्न जनप्रतिनिधियों ने पत्र लिखकर भगवान देवनारायण जयंती पर अवकाश घोषित करने की सरकार से की थी।

राजस्थान और अन्य राज्यों में भगवान श्री देवनारायण की पूजा करने की प्रथा है। लंबे समय से भगवान की जयंती पर प्रत्येक वर्ष धूमधाम से पूजन किया जाता है। मन्यता है कि भगवान देवनारायण की एक गौरक्षक, असहाय लोगों के कष्टों का निवारण करने वाले लोक देवता और पराक्रमी योद्धा के रूप में आराधना की जाती है।

भगवान देवनारायण को भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है. पौराणिक मान्यताओं के मताबिक देवनारायण का जन्म राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में आसींद विधानसभा क्षेत्र के मालासेरी गांव में राजा सवाई भोज के घर हुआ था। उन्होंने शिप्रा नदी के तट पर भगवान विष्णु की कठिन साधना की थी। उन्होंने गुरुओं से तंत्र शित्रा प्राप्त की और युवावस्था में शक्तिशाली योद्धा बन गए। देवनारायण ने अपने जीवनकाल में कई चमत्कार दिखाए हैं। इसके बाद देवनारायण  का विवाह उन्हीं के साथ हो गया। देवनारायण ने सूखी नदी में पानी पैदा करना, सारंग सेठ को पुनर्जीवित कर देना, छोंछु भाट को जीवित करने जैसे कई चमत्कार दिखाए हैं।