चंडीगढ़: वैश्विक अपराध और सुरक्षा पर मंथन के लिए जी-20 देशों के प्रतिनिधि एक बार फिर गुरुग्राम में जुटेंगे। 13 और 14 जुलाई को होने वाले जी-20 सम्मेलन की तैयारी पूरी कर ली गई है। इस सम्मेलन में विभिन्न देशों के लगभग 600 प्रतिनिधियों के शामिल होने की संभावना है।

हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल ने बृहस्पतिवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय और प्रदेश सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ तैयारियों की समीक्षा बैठक में बताया कि विदेशी अतिथियों को हरियाणा के जीवंत इतिहास, प्रगति और विकास की दिशा के साथ ही सांस्कृतिक विरासत की यात्रा से अवगत कराने के लिए प्रदर्शनी आयोजित की जाएगी।

सेमिनार, निबंध लेखन समेत होगी कई प्रतियोगिताएं

इसके अलावा कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में सेमिनार, निबंध लेखन प्रतियोगिताओं और अन्य आकर्षक कार्यक्रमों की श्रृंखला की योजना बनाई है। यह गतिविधियां छात्रों व विद्वानों के बौद्धिक विकास और ज्ञान को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित करेंगी।

इन देशों को किया गया आमंत्रित

जी-20 सम्मेलन में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, अमेरिका और यूरोपीय संघ के देश भाग लेंगे। बांग्लादेश, मिस्र, मॉरीशस, नीदरलैंड, नाइजीरिया, ओमान, सिंगापुर, स्पेन और संयुक्त अरब अमीरात सहित नौ देशों को सम्मेलन में अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है।

जी-20 सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य उभरती हुई प्रौद्योगिकियों एनएफटी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मेटैवर्स अपराध और सुरक्षा के प्रभाव से उत्पन्न होने वाले मुद्दों और चुनौतियों का समाधान करना है। सम्मेलन दुनिया भर के विशेषज्ञों, नीति निर्माताओं और हितधारकों के साथ सार्थक चर्चाओं को साझा करने और डिजिटल क्षेत्र में आपराधिक गतिविधियों के विकसित परिदृश्य से निपटने वाली रणनीति विकसित करने के लिए बेहतर प्लेटफार्म प्रदान करेगा।

इनकी होगी अहम् भूमिका

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की साझेदारी में होने वाले दो दिवसीय सम्मेलन के आयोजन में राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय, राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय, नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी, इंटरपोल और यूएनओडीसी की अहम भूमिका होगी।