नाटो के 30 सहयोगी देशों ने स्वीडन और फिनलैंड को सदस्य बनाने के लिए प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किए। इससे इन दोनों देशों का सदस्यता संबंधी अनुरोध विधायी मंजूरी के लिए गठबंधन की राजधानियों को भेजा गया है। दरअसल, इस साल फरवरी में यूक्रेन पर रूसी आक्रमण और उसके बाद से सैन्य संघर्ष के मद्देनजर स्वीडन और फिनलैंड के इस कदम ने रूस को रणनीतिक तौर पर अलग-थलग किए जाने के प्रयासों को और बढ़ाने का काम किया है। 30 राजदूतों और स्थायी प्रतिनिधियों ने औपचारिक रूप से पिछले सप्ताह के नाटो शिखर सम्मेलन के निर्णयों को तब मंजूरी दी जब गठबंधन ने रूस के पड़ोसी फिनलैंड और स्वीडन को सैन्य क्लब में शामिल होने के लिए आमंत्रित करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया। गठबंधन में समझौते के बावजूद, सदस्य देश तुर्की नाटो में स्वीडन और फिनलैंड को अंतिम रूप से शामिल किए जाने को लेकर अभी भी समस्याएं पैदा कर सकता है।