भोपाल ।  प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम में मध्‍य प्रदेश की राजधानी भोपाल के दीपेश को भी अपना सवाल पूछने का मौका मिला। दसवीं के छात्र दीपेश का सवाल था कि हम इंस्‍ट्राग्राम और अन्‍य इंटरनेट मीडिया की इस दुनिया में अपना ध्‍यान भटकाए बिना अपनी पढ़ाई पर ध्‍यान कैसे केंद्रित करें। भोपाल की रितिका ने भी प्रधानमंत्री से सवाल किया। प्रधानमंत्री ने जवाब दिया कि निर्णय हमें करना है कि आप स्‍मार्ट हैं या गैजेट्स स्‍मार्ट हैं। कभी-कभी लगता है कि आप अपने से ज्‍यादा गैजेट्स को स्‍मार्ट मान लेते हैं। गलती वहीं से शुरू हो जाती है। उन्‍होंने कहा कि आप इस बात पर विश्‍वास करें कि परमात्‍मा ने आपको बहुत शक्ति दी है और आपसे स्‍मार्ट गैजेट्स नहीं हो सकता । आप जितने स्‍मार्ट होंगे गैजेट्स का उतने प्रभारी तरीके से उपयोग कर सकेंगे। प्रधानमंत्री ने क‍हा कि देश के लिए यह चिंता का विषय है। मुझे पता चला है कि भारत में औसत 6 घंटे लोग स्‍क्रीन पर गुजारते हैं। हमें गैजेट्स गुलाम बना रहा है। हम इसके गुलाम न बनें और अपनी आवश्‍यकता के अनुसार इसका उपयोग करें। भोपाल के सुभाष उत्‍कृष्‍ट उमावि की कक्षा 12 वीं की छात्रा रि‍तिका घोड़के ने पूछा कि हम एक से अधिक भाषाएं कैसे सीख सकते हैं। इस पर प्रधानमंत्री ने जवाब दिया कि हमारा देश विविधता वाला देश है। इस पर हमें गर्व होना चाहिये। यहां संचार के अनेक साधन हैं। हमें कोशि‍श करनी चाहिये कि अन्‍य राज्‍यों की भाषाएं सीखें। इसके जरिए हमें अनुभवों का निचोड़ भी मिलता है। उन्‍होंने कहा कि हम भाषा के जरिए विविधताओं से परिचित होते हैं। बिना बोझ बनाए हमें भाषा सीखनी चाहिये। दुनिया की सबसे पुरातन भाषा जिस देश के पास हो उसे गर्व होना चाहिये कि नहीं होना चाहिये। हमारी तमिल भाषा दुनिया की सबसे पुरानी भाषा है।