नीमच से राजेश भंडारी

नीमच ।   प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लाभ से वंचित अफीम उत्पादकों के हितों की पैरवी करते हुए नीमच जिला युवा काँग्रेस अध्यक्ष भानुप्रताप सिंह राठौड़ ने क्षेत्रीय साँसद सुधीर गुप्ता को सवालों के कटघरे में खड़ा किया हैं । यहाँ जारी एक बयान में उन्होंने कहा कि , सात वर्ष पूर्व घोषित योजना के लाभ से अफीम उत्पादक अभी भी वंचित हैं और संसद में सवाल पूछने में कथित रूप से खुद को अग्रणी बताने वाले हमारे क्षेत्र के साँसद हजारों अफीम उत्पादकों के हितों को लेकर मुंह में मूंग डाले बैठे हैं । श्री राठौड़ ने कहा कि , यह सर्वज्ञात है कि , 18 फरवरी 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्यप्रदेश के सीहोर जिले के शेरपुर में आयोजित समारोह में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना देश को समर्पित की थी । उनका दावा था कि योजना के अंतर्गत न्यूनतम प्रीमियम पर प्राकृतिक आपदा से प्रभावित किसानों को अधिकतम लाभ प्रदान किया जाएगा । खुद प्रधानमंत्री जी द्वारा पीड़ित प्रभावित किसानों के लिए योजना को वरदान तुल्य निरूपित करते हुए अधिकाधिक लाभ लेने की अपील की गई थी । श्री राठौर ने कहा कि कृषक हितैषी इतनी महत्वपूर्ण बताई गई योजना में नीमच - मंदसौर संसदीय क्षेत्र के हजारों अफीम उत्पादकों को लाभ नहीं मिल पाया , क्योंकि बीमा योजना के लिए निर्धारित फसलों में अफीम को शरीक ही नहीं किया गया था । गौरतलब है कि प्राकृतिक आपदा से फसल प्रभावित होकर नष्ट होने की स्थिति में अफीम काश्तकारों को फसल हंकवाने पर लायसेंस भले ही पुनः मिल जाता है । लेकिन फसल के लिए लायसेंस देने वाले केंद्रीय वित्त मंत्रालय तथा राज्य सरकार के राजस्व नियमों के तहत नुकसानी का कोई भी मुआवजा नहीं मिलता है ऐसी स्थिति में प्राकृतिक आपदा से प्रभावित अफीम उत्पादकों के साथ यह बिल्कुल न्याय पूर्ण होता कि अफीम फसल को भी प्रधानमंत्री बीमा योजना में शरीक कर लिया जाता । श्री राठौड़ ने कहा कि योजना के संदर्भ में इस खामी की ओर कांग्रेस संगठन के बैनर पर उन्होंने प्रधानमंत्री और केंद्रीय वित्त मंत्री का ध्यान आकृष्ट करते हुए अनुरोध किया था कि अफीम को भी फसल बीमा में शरीक किया जाना न्यायोचित होगा । विभिन्न समाचार माध्यमों को जरिए भी क्षेत्रीय सांसद सुधीर गुप्ता का ध्यान इस ओर आकृष्ट किया गया था । उन्होंने यह आश्वासन भी दिया था कि वह निश्चित रूप से अफीम को फसल बीमा योजना में शरीक करवा देंगे । श्री राठौर ने कहा कि अफसोस की बात यह है कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लागू होने के सात साल बीत जाने के बाद अभी तक भी अफीम फसल प्रधानमंत्री बीमा योजना में शरीक नहीं हो पाई है । सांसदजी की अपने वादे के प्रति लगातार ढिलाई के चलते साल दर साल जब - जब भी बारिश, ओलावृष्टि और शीतलहर जैसी प्राकृतिक आपदाओं के कारण  अफीम की फसल क्षतिग्रस्त होती है तब- तब अफीम काश्तकारों को भारी मन से नुकसान उठाने के लिए बाध्य होना पड़ता है । पिछले सात सालों में किसानों को होने वाले भारी नुकसान को लेकर लगातार ध्यान आकृष्ट किये जाने के बावजूद सांसद अपने ही क्षेत्र के हजारों अफीम उत्पादकों के हितों को लेकर निष्ठुर और अकर्मण्य बने हुए हैं । श्री राठौर ने कहा कि क्षेत्रीय सांसद श्री गुप्ता अपने आपको हमेशा अफीम उत्पादकों का सबसे बड़ा हितैषी प्रचारित करते हैं । इसके अलावा संसद में सवाल पूछने के मामले में भी हमेशा खुद के अव्वल रहने का ढोल पीटते रहे हैं । लेकिन अफसोस की बात यह है कि उनके अपने क्षेत्र के हजारों अफीम उत्पादकों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ नहीं मिल पाने के कारण साल दर साल अभी तक हुए भारी नुकसान को लेकर उन्होंने संसद में कभी आवाज बुलंद नहीं की है । इस तरह परोक्ष रूप से उन्होंने अफीम उत्पादकों के हितों पर गहरा आघात करने का ही काम किया है श्री राठौर ने कहा कि राज्य की भाजपा सरकार भी अपने आप को किसानों का सबसे बड़ा हित चिंतक बताती रही है । नीमच - मंदसौर संसदीय क्षेत्र से निर्वाचित आठों विधायक भाजपा के हैं और इनमें से तीन विधायक राज्य शासन के सक्षम मंत्री भी हैं । बावजूद इसके किसी भी विधायक और मंत्री ने अभी तक अफीम उत्पादकों की परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में अफीम को शरीक करने के लिए प्रभावी और परिणामदायीं पहल नहीं की है । उनकी उदासीनता , कर्तव्य हीनता और किसानो के प्रति दोहरे आचरण का खामियाजा साल दर साल अफीम किसान उठा रहे हैं । 

 बीमित फसलों के नष्टीकरण पर भी नहीं मिल रही मुआवजा राशि

श्री राठौड़ ने आरोप लगाया कि झूंठे वादे और लुभावनी घोषणाएँ कर लगातार किसानों को छलने वाली प्रदेश भाजपा सरकार की दूषित नीतियों और विश्वासघात के चलते नीमच जिले सहित प्रदेश के अन्य भागों में भी किसानों को बीमित फसलों के नष्ट होने पर क्षतिपूर्ति राशि का भुगतान और पर्याप्त मदद नहीं मिल पा रही हैं ।श्री राठौड़ ने कहा कि किसान बीमा योग्य घोषित फ़सलों का करोड़ों रुपये प्रीमियम भर कर बीमा करवाते हैं । लेकिन पिछले साल प्राकृतिक आपदा के कारण सोयाबीन फसल का बहुत बड़ा नुकसान हुआ ।  मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने घड़ियाली आँसू बहाते हुए पीड़ित किसानों को शीघ्र बीमा राशि और सरकार की ओर से पर्याप्त सहायता प्रदान करने की घोषणा भी की थी । श्री राठौड़ ने कहा कि एक वर्ष बीत जाने के बाद अभी तक भी किसानों को कुछ नहीं मिल पाया । प्राकृतिक आपदा के शिकार हुए किसानों के साथ यह खुला छल और क्रूर व्यवहार हैं । श्री राठौड़ ने केंद्रीय वित्त मंत्री और मुख्यमंत्री से माँग की है कि अफीम फसल को तुरन्त प्रधानमंत्री बीमा योजना में शरीक किया जाए और गत वर्ष प्राकृतिक आपदा के कारण नष्ट हुई बीमित फसलों के मद्देनजर प्रभावित किसानों को अविलम्ब घोषित सहायता एवं बीमा राशि का भुगतान किया जाए ।