नई दिल्ली| केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने कहा है कि उन्होंने चिटफंड घोटाले से संबंधित एक मामले की आगे की जांच के दौरान कोलकाता के पूर्व डिप्टी रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज और निजी कंपनियों के संस्थापक निदेशक और क्षेत्रीय प्रबंधक सहित तीन अन्य को गिरफ्तार किया है। सीबीआई ने एक निजी कंपनी के तत्कालीन प्रबंध निदेशक और अन्य के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुपालन में तुरंत मामला दर्ज किया था और बालियापाल पुलिस स्टेशन, बालासोर (ओडिशा) में पहले दर्ज मामले की जांच अपने हाथ में ले ली थी।

यह आरोप लगाया गया था कि आरोपियों ने विभिन्न जमा योजनाओं के साथ लोगों को लुभाने के लिए पूरे ओडिशा में अवैध रूप से जनता की जमा राशि एकत्र की और उच्च रिटर्न का झूठा वादा किया और परिपक्वता राशि वापस नहीं की और इस तरह निवेशकों को उनकी देय राशि से धोखा दिया।

कंपनी का कुल कलेक्शन करीब 565 करोड़ रुपए था।

इस मामले में 2016 में और नवंबर 2021 में भुवनेश्वर कोर्ट में दो चार्जशीट दाखिल की गई थीं।

आगे की जांच बड़ी साजिश, धन के निशान और नियामक अधिकारियों की भूमिकाओं को देखने के लिए जारी थी।

आगे की जांच के दौरान, यह पता चला कि आरोपी (निजी व्यक्ति) ने कथित तौर पर खुद को प्राथमिकी में नामित अवैध पोंजी योजनाओं से जोड़ा था और कथित तौर पर उक्त निजी कंपनी द्वारा अवैध रूप से एकत्र की गई जमा राशि से अपने लिए भारी आर्थिक लाभ भी प्राप्त किया था।

कोलकाता के तत्कालीन डिप्टी रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज सुभा कुमार बनर्जी ने कथित तौर पर आरोपियों के अवैध जमा संग्रह कारोबार में मदद की थी।

सीबीआई ने उनके अलावा फिमशोर मैनेजमेंट सर्विस लिमिटेड के तत्कालीन संस्थापक निदेशक लक्ष्मण श्रीनिवासन, स्टार हेल्थ इंश्योरेंस के तत्कालीन क्षेत्रीय प्रबंधक स्वपन कुमार डे और उत्तम मुंशी को गिरफ्तार किया है।