मंधु बंसल

बीजेपी अफीम किसान विरोधी-
अभी तक नही बना पाई राज्य सरकार डोडाचूरा नष्टीकरण की पॉलिसी-
सीएम को मंच से पोस्तदाना और अफीम की सब्जी याद रही, उनका दर्द नही- मंधु बंसल

नीमच  ।    प्रदेश की बीजेपी सरकार किसान हितैषी होने का ढोंग रचती है फिस किसानों को बेवकूफ बनाने के अलावा बीजेपी नेता कुछ नही करते है मोदी व शिवराज सरकार किसी की नहीं सुन रही है। सरकार केवल पूंजीपतियों की सुनती है।अफीम पालिसी को लेकर केन्द्र में बैठी मोदी सरकार भी किसानों को लूटने का काम कर रही हैं,अफम फसल को प्रायवेट कंपनियों को सौंपा जा रहा है जो इस क्षेत्र के किसानों के साथ धोखा है सरकार अगर नहीं सुन रही है तो उसे इसका परिणाम भुगतना होगा। यह बात यहां जारी प्रेस नोट में किसान नेत्री मधु बंसल ने कही।  श्री मति बंसल ने कहा कि गुरूवार को सीएम शिवराज सिंह चौहान मंदसौर आये इस दौरान उनके सामने किसान, मजदूर, गरीब व हर वर्ग का आदमी बैठा था जिन्होने भरे मंच से अफीम की भाजी व इससे निकलने वाले पोस्तादाना हलवे को लेकर बात कही उन्होने कहा कि मंदसौर की अफीम की भाजी और पोस्तादाना का हलवा बड़ा अच्छा लगता है लेकिन जो किसान इस फसल को अपने बैठे से बड कर इसकी रखवाली करता है उसी सरकार के राज में अफीम किसान परेशान है पिछले लम्बे वक्त से डोडाचुरा नष्टीकरण को लेकर शिवराज सरकार कोई पॉलिसी तैयार नही कर पाई जिसके चलते किसानों को आबकारी विभाग के द्वारा नोटिस जारी किये जाते है सवाल-जवाब मांगे जाते है जिसके बाद अवैध वसूली किसानों से की जाती है ऐसा ही हाल पोस्तादाना मंडी बंद को लेकर है जहां एक तरफ व्यापारी वर्ग परेशान है झूठी कार्रवाही को लेकर तो दूसरी तरफ पोस्तदाना मंडी बंद के चलते किसान अपना पोस्तदाना नही बेच पा रहा है जिसके चलते किसानों को भारी परेशानी होती है जब सीएम साहब को हलवा और उसकी सब्जी याद रही तो क्या किसानों के दर्द को वे इस मंच से कम नही कर सके इस मंच से उन्हे किसानों के उपर हो रही झूठी कार्रवाही व डोडाचूरा नष्टीकरण को लेकर नीति का ऐलान करना था लेकिन सिर्फ चुनावी वक्त बड़ी बड़ी बाते ये मंच से कर देगें उसके बाद किसान, मजदूर व गरीब उस घोषणा के चक्कर में परेशान होता रहता है । वही ऐसा ही हाल अफीम पॉलिसी को लेकर है केंद्र में बैठी मोदी सरकार भी किसानों को लूटने का काम कर रही है मध्यप्रदेश-राजस्थान के हजारों किसान अफीम पॉलिसी में परिवर्तन चाहते है उनकी मांग है कि अफीम के भाव बढ़ाये जायें, साथ ही मार्फिन व सीपीएस पद्दति को खत्म किया जायें , वर्ष 1997-98 में काटे गए पटे पून बहाल किये जावे, लेकिन सरकार इसके जरीए केवल पूंजीपतियों की सुन रही है और इस अफीम की फसल को प्रायवेट कंपनीयों को सौपा जा रहा है जो इस क्षैत्र के किसानों के साथ बड़ा धोखा है जिसमें कांग्रेस पार्टी कभी होना नही देंगी हम जल्द इस सभी मुद्दो को लेकर किसानों के साथ रोड़ पर उतरेगें और इस किसान विरोधी सरकार का विरोध करेंगें ।