इंदौर । आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत मरीजों के उपचार में गड़बड़ी करने वाले इंदौर के सात अस्पतालों का योजना में संबद्ध होने के दिन से आडिट किया जाएगा। इसमें उपचारित मरीजों से भी पूछताछ की जाएगी। सभी मरीजों की केस शीट निकालकर पड़ताल की जाएगी।जांच में यह देखा जाएगा कि वास्तव में मरीज उपचार के लिए भर्ती हुआ था या अस्पताल ने फर्जी तरीके से भर्ती दिखाकर दावा राशि ले ली। गड़बड़ी मिली तो वसूली करने के साथ ही एफआइआर समेत अन्य कानूनी कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि योजना का संचालन करने वाले राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने इसी माह इंदौर के सात अस्पतालों की जांच की थी, जिसमें कई अनियमितताएं मिली थीं। कुछ अस्पतालों ने भर्ती के लिए जितने मरीजों का पंजीयन पोर्टल पर दिखाया था, उतने मरीज नहीं मिले। सभी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। साथ ही अस्पतालों की बकाया दावा राशि भी रोक दी गई है।राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने जिन सात अस्पतालों की जांच की है, उनमें अभी सिर्फ इंडेक्स मेडिकल कालेज की आयुष्मान भारत योजना से संबद्धता निलंबित की गई है। बाकी अस्पतालों से जब्त दस्तावेजों की जांच की जा रही है। इसके बाद इन अस्पतालों की संबद्धता निलंबित या समाप्त करने का निर्णय हो सकता है। गड़बड़ी से जितनी कमाई की गई है, उसका तीन से पांच गुना तक अर्थदंड लगाया जाएगा। सूत्रों की माने तो आयुष्मान भारत योजना के काल सेंटर के माध्यम से मरीजों से पूछताछ होगी।  मरीज की जो बीमारी केस शीट में बताई गई है उसके लिए भर्ती करने की जरूरत थी या नहीं। बिल बढ़ाने के लिए मरीज को बेवजह गहन चिकित्सा इकाई में तो नहीं रखा गया। भर्ती के दौरान जो फोटो पोर्टल पर अपलोड किया गया, वह ओपीडी या किसी शिविर का तो नहीं है, आदि बिंदुओं की जांच कराई जाएगी।